सूने साज, सुनो सरकार : कलाकारों ने भीख मांग और खाली कुर्सियों के सामने प्रस्तुति दे जताया विराेध
कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन और पाबंधियों के चलते बेरोजगार हुए सभी विधाओं के कलाकारों ने दो जून दो रोटी के तहत मंगलवार को अपना विरोध जताया। विराेध के लिए कलाकारों ने अलग ढंग अपनाया
हिसार, जेएनएन। कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन और पाबंधियों के चलते बेरोजगार हुए सभी विधाओं के कलाकारों ने दो जून दो रोटी के तहत मंगलवार को अपना विरोध जताया। लॉकडाउन में कलाकार मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। कलाकार बीते कुछ दिनों से अपनी समस्या सोशल मीडिया के माध्यम से भी उठा रहे हैं तो मंगलवार को अलग-अलग शहरों में अलग-अलग तरीके से सराकर के प्रति रोष जताया।
दैनिक जागरण भी कलाकारों की इस पीड़ा को सूने साज, सुनो सरकार कॉलम के माध्यम से उठा रहा है। मंगलवार को सुबह कलाकार हिसार के बाल भवन में एकत्रित हुए और विरोध जताया। यह विरोध सुबह नौ बजे से लेकर पांच बजे तक करने का फैसला लिया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी व अन्य नियमों का भी पालन किया गया।
रोहतक में कलाकारों ने अलग तरह का गेट अप धारण कर राहगीरों से भीख मांगी तो सिरसा में कलाकारों ने वाद्य यंत्र बजाए मगर सामने कुर्सियां खाली थी और वे प्रस्तुति देने में जुटे हुए थे। हिसार में हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया गया। अलग-अलग तरह से प्रदर्शन कर कलाकारों ने अपना विराेध जताया।
रोहतक में राहगीरों से भीख मांगते हुए कलाकार
कलाकारों द्वारा अपनी पीड़ा को लगातार सोशल मीडिया पर उठाया जा रहा है। लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण कलाकार रोजी-रोटी के लिए भी परेशान हैं। अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए कलाकार सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। कलाकार सूने साज, सुनो सरकार का कैचवर्ड लिखकर पोस्टर लेकर खड़े हुए। यह प्रदर्शन हरियाणा के अलावा अन्य कई प्रदेशों में भी हो रहा है। कलाकार यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार कलाकारों की दिक्कत को समझे और उनके रोजगार का प्रबंध करवाए।
पतलून जैसे प्रसिद्ध नाटक के लेखक, अभिनेता व अभिनय रंगमंच के सचिव मनीष जोशी ने बाल भवन पर फेसबुक लाइव कर विरोध जताने वालों के बारे में बताया तो साथ ही यह भी बताया कि आखिर किस तरह से वो परेशान हैं। मनीष जोशी ने कहा कि जब तक सरकार उनके लिए किसी तरह के मानदेव, वेतन भत्ता जैसी किसी योजना को लागू नहीं करती है वे विरोध को बढ़ाते जाएंगे।
इसी तरह कलाकार यूनियन के प्रधान संजय कायत ने भी कहा कि उनके साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। जब किसी तरह के सांस्कृतिक समारोह करने की छूट नहीं है तो फिर वे किस तरह से अपना घर चलाएं। विरोध के दौरान वे युवा कलाकार ज्यादा नजर आए जो इस क्षेत्र में अभी आए हैं और उन्हें किसी तरह की आमदनी नहीं हो रही है।