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हिसार में एनीमिया, थैलेसीमिया और छह ग्राम से कम खून वाले रोगियों को निशुल्क ब्लड देंगे निजी ब्लड बैंक

सरकारी ब्लड बैंक सहित निजी ब्लड बैंको पर पैक्ड रेड ब्लड सेल्स यानि पीआरबीसी की करीब 1500 यूनिट एकत्रित हो गई है। निजी ब्लड बैंक संचालकों का कहना है वे एनीमिया थैलेसीमिया और छह ग्राम से कम खून वाले रोगियों को निशुल्क ब्लड देंगे बशर्ते डाक्टर से लिखवाकर ले आए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 05:30 PM (IST)
हिसार में एनीमिया, थैलेसीमिया और छह ग्राम से कम खून वाले रोगियों को निशुल्क ब्लड देंगे निजी ब्लड बैंक
हिसार में निजी ब्लड बैंको ने निशुल्क ब्लड देना शुरु कर दिया है।

सुभाष चंद्र, हिसार: जिले में डेंगू के बढ़ते मामलों के कारण और सिंगल डोनर प्लेलेट्स न मिलने के कारण आरडीपी की खपत बढ़ी है। प्रतिदिन ब्लड बैंकों पर 150 यूनिट के करीब आरडीपी लग रही है। लेकिन इससे एक नई समस्या खड़ी हो गई है। आरडीपी निकालने के दौरान पीआरबीसी भी निकलता है। जो थैलेसीमिया, एनीमिया और खून की कमी वाले लोगों को लगाया जाता है। सरकारी ब्लड बैंक सहित निजी ब्लड बैंको पर पैक्ड रेड ब्लड सेल्स यानि पीआरबीसी की करीब 1500 यूनिट एकत्रित हो गई है।

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सरकारी ब्लड बैंक पर 300 यूनिट, मंगलम ब्लड बैंक पर भी 342 यूनिट तो अन्य ब्लड बैंक पर भी किसी पर 200 तो किसी पर 300 यूनिट एकत्रित हो गई है। लेकिन इसकी खपत अधिक नहीं है। यह 42 दिन बाद खराब हो जाता है। ऐसे में सरकारी ब्लड बैंक की तरफ से ब्लड को फतेहाबाद के सरकारी ब्लड बैंक में भेजा जाएगा। वहीं निजी ब्लड बैंको ने निशुल्क ब्लड देना शुरु कर दिया है। निजी ब्लड बैंक संचालकों का कहना है वे एनीमिया, थैलेसीमिया और छह ग्राम से कम खून वाले रोगियों को निशुल्क ब्लड देंगे, बशर्ते डाक्टर से लिखवाकर ले आए।

-- - रैंडम डोनर प्लेलेट्स निकालते समय पीआरबीसी और इतनी ही मात्रा में फ्रैश फ्रोजन ब्लड भी निकलता है। जो ब्लड बैंक में फ्रीजर में स्टोर करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां सिंगल डोनर प्लेटलेट्स और रैंडम डोनर प्लेटलेट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी और निजी लैब में पैक्ड रेड ब्लड सेल्स (पीआरबीसी) की स्टोरेज बढ़ती जा रही है। कारण यह है कि रैंडम डोनर प्लेलेट्स निकालते समय फ्रैश फ्रोजन प्लाजमा (एफएफपी) और पीआरबीसी भी साथ निकलती है।

पीआरबीसी की एक्सपायरी 42 दिन में हो जाती है। हालांकि एफएफपी को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। पीआरबीसी को खून की कमी वाले केसों में उपयोग में लिया जाता है। इनमें थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों काे और डिलिवरी केस में महिलाओं को, एक्सीडेंट केसों में, हीमाग्लोबिन की कमी के कारण सहित अन्य मामलों में पीआरबीसी चढ़ाया जाता है।

जिले में डेंगू के 10 नए मामले, अभी तक 831 लोगों में मिला डेंगू का संक्रमण, 743 व्यक्ति डेंगू से रिकवर

हिसार। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुभाष खतरेजा ने बताया कि जिले में मंगलवार को डेंगू संक्रमण के 10 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही जिले में डेंगू संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 87 हो गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक 4335 डेंगू आशंकित लोगों के सैंपल लिए गए हैं, इनमें से 831 लोगों में डेंगू का संक्रमण मिला है। 743 व्यक्ति डेंगू से रिकवर हो चुके है। डेंगू के सामान्य रूप से देखे जाने वाले लक्षणों में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, तेज बुखार, उल्टी आना और चक्कर महसूस होना इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर आवश्यक इलाज शुरू करवा लें। उन्होंने बताया कि नागरिकों से आह्वान किया गया है कि वे यह सुनिश्चित अवश्य करें कि उनके घर या आस-पड़ोस में जलभराव न रहे।

जिले में कोरोना संक्रमण का नया मामला नहीं

हिसार। जिला सर्विलांस अधिकारी एवं आईडीएसपी इंचार्ज डॉ सुभाष खतरेजा ने बताया कि मंगलवार को जिले में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। फिलहाल जिले में एक एक्टिव केस तथा रिकवरी रेट 97.89 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि जिले में अभी तक 7 लाख 68 हजार 544 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें संक्रमण के कुल 53 हजार 996 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कुल 52 हजार 855 लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। पहली लहर में संक्रमण के 17 हजार 147 जबकि दूसरी लहर में अब तक 36 हजार 849 मामले दर्ज किए गए हैं।

-- - सिविल अस्पताल में वार्ड 11 में डेंगू मरीजों के वार्ड रिजर्व

सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए वार्ड 11 रिजर्व कर दिया गया है। अब इमरजेंसी में आने वाले डेंगू के मरीजों को वार्ड-11 में शिफ्ट किया जा रहा है। गौरतलब है सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने पर एक बेड पर दो-दो मरीज दाखिल किए जा रहे थे, लेकिन अब विभाग की तरफ से बेड की संख्या बढ़ाई गई है। जिससे डेंगू मरीजों को उचित सुुविधाएं दी जा रही है। डेंगू मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड में बेड पर मच्छरदानी भी लगाई गई है, ताकि मच्छरों से डेंगू मरीजों का बचाव रहें। सिविल अस्पताल में 200 बेड है, लेकिन मरीज बेड की क्षमता से अधिक है।

ब्लड बैंक - एसडीपी किट उपलब्ध

सर्वोदय ब्लड बैंक - 0

नलवा ब्लड बैंक - 0

मंगलम ब्लड बैंक - 50

350 यूनिट एकत्रित, 42 दिन बाद खराब हो जाएगा

हमारे पास पीआरबीसी की 342 यूनिट एकत्रित हो गई है। लेकिन इसकी खपत कम है। इसलिए जिनमें छह ग्राम से कम ब्लड है तो डाक्टर से लिखवाकर ब्लड ले जा सकता है। निशुल्क ब्लड उपलब्ध करवाया जाएगा।

डा. जीआर गुप्ता, मंगलम लैब, हिसार।

-- -- स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने शहर के निजी अस्पतालों में जाकर वहां डेंगू मरीजों और उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।

डा. सुभाष खतरेजा, सर्विलांस अधिकारी, हिसार।

एनीमिया के मरीज जिनमें छह ग्राम से कम ब्लड हो मुफ्त दिया जाएगा ब्लड

बुधवार रात तक कंपनी ने किट भेजने की बात कहीं है। किट न मिलने के कारण आरडीपी लगाई जा रही है। जिसके चलते प्रतिदिन करीब 20 पीआरबीसी एकत्रित हो रही है। एनीमिया और थैलेसीमिया सहित अन्य मरीज जिनमें छह ग्राम से कम खून हो वे डाक्टर से प्रिसक्रिप्शन लिखवाकर निशुल्क खून ले जा सकते है।

डा. जेपीएस नलवा, नलवा ब्लड बैंक, हिसार।


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