हिसार नगर निगम ने सवा सौ साल पुराने राम मंदिर का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया
भगवान श्रीराम के मंदिर जैसा महत्व रखने वाले कटला रामलीला मैदान स्थित सियाराम मंदिर को तोड़ने पर विवाद बढ़ गया है। विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रविंद्र गोयल ने मंदिर के संचालक पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए मंदिर को तोड़ा
हिसार, जेएनएन। करीब सवा सौ साल पुराने राम मंदिर की जमीन पर मालिकाना हक किसका है इसका रिकॉर्ड नगर निगम ने खंगालना शुरू कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों व समाजसेवियों द्वारा निगम कमिश्नर को ई-मेल के जरिये शिकायत भेजने के बाद निगम ने जांच शुरू कर दी है। वहीं, दूसरी ओर विवाद उठने के बाद मंदिर में तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोक दिया गया है। वहीं विश्व हिंदू परिषद के सदस्य जमीन पर मालिकाना हक किसका है इसके पता लगाने के बाद इस मामले को जोर-शोर से उठाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने अयोध्या राम मंदिर के महंत नृत्य गोपालदास की गद्दी के दूसरे साधु संतों को मामले से अवगत करवा दिया है।
विवाद और बढ़ने पर साधू संत हिसार आ सकते हैं और सरकार से मामले में कार्रवाई के लिए कह सकते हैं। वहीं विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने देर शाम मंदिर का मुआयना किया और रिपोर्ट तैयार की है। विहिप के सदस्य आज फिर एक बैठक कर आगामी रूप रेखा बनाएंगे।
ज्ञात हो कि आयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर जैसा महत्व रखने वाले कटला रामलीला मैदान स्थित सियाराम मंदिर को तोड़ने पर विवाद बढ़ गया है। करीब सवा सौ साल पुराने इस मंदिर की मान्यता काफी है। विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रविंद्र गोयल ने मंदिर के संचालक पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए मंदिर को तोड़ा और इस जमीन को कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है। आसपड़ोस के लोगों ने भी इससे रोष है। वहीं मंदिर के संचालक रवि भोला सभी आरोपों को नकार रहे हैं।
- मंदिर तोड़ने का मामला हमारे संज्ञान में आया है। जानकारी जुटाई गई है कि मंदिर का हिस्सा तोड़ दिया गया है। मंदिर के संचालक ने रजिस्ट्री दिखाई है कि यह जमीन उसकी है। इस बारे में भूमि अधिकारी के माध्यम से जानकारी लेंगे की वास्तव में जमीन किसकी है।
- धमेंद्र यादव, भवन निरीक्षक