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लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों और सीमित संसाधनों से हांफ रहा हिसार का स्वास्थ्य विभाग

अस्पतालों में सबसे अधिक बोझ़ बढ़ने का कारण दिल्ली राजस्थान और गुरुग्राम से आए मरीजों का है। इन शहरों में बेड फुल होने पर लोग दूसरे शहरो में अपने परिजनों की जान के लिए भाग रहे हैं। अस्पतालों में 40 से 50 फीसद बाहर के मरीज उपचार करा रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 09:11 AM (IST)
लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों और सीमित संसाधनों से हांफ रहा हिसार का स्वास्थ्य विभाग
हिसार में जल्द ही अधिक बेडों के साथ अस्पताल नहीं तैयार किया तो काफी बुरे हालात हो सकते हैं।

हिसार, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। हालात यह हैं कि अब रोजाना 800 से अधिक संक्रमित रोजाना मिल रहे हैं। इसकाे लेकर शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दम फूलने लगी है। अगर जल्द ही अधिक बेडों के साथ अस्पताल नहीं तैयार किया तो काफी बुरे हालात हो सकते हैं। अस्पतालों में सबसे अधिक बोझ़ बढ़ने का कारण दिल्ली, राजस्थान, और गुरुग्राम से आए मरीजों का है। इन शहरों में बेड फुल होने पर लोग दूसरे शहरो में अपने परिजनों की जान के लिए भाग रहे हैं। अस्पतालों में 40 से 50 फीसद बाहर के मरीज उपचार करा रहे हैं। यही कारण है कि अब प्रशासन स्थानीय मरीजों को भर्ती करने पर जोर दे रहा है।

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अभी तक ऑक्सीजन के नोडल अधिकारी का फोन है बंद

ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी के लिए ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी को नोडल अफसर बनाया गया है। मगर पिछले तीन से चार दिन हो गए न तो वह ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचे हैं और न ही फोन उठा रहे हैं। खास बात यह है कि इनके विभागीय अधिकारियों को भी यह नहीं मालूम कि ड्रग कंट्रोलर कहां है। ऐसे में ऑक्सीजन का प्रबंधन तो चल रहा है मगर अभी तक अधिकारी का फोन बंद है। ऐसे में ऑक्सीजन की जरूरत महसूस कर रहे लोग इंटरनेट मीडिया पर अफसर की शिकायत कर सीएम से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यही हाल अस्पतालों का है। कोविड हरियाणा बेवसाइट पर दी गई डिटेल के आधार पर अस्पताल प्रबंधन फोन ही नहीं उठा रहे हैं।

अधिक रेट की वसूली करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

डीसी डा. प्रियंका सोनी ने यह साफ कर दिया कि अगर कोई निजी लैब संचालक इन दरों से ज्यादा का रेट लेता है और प्रशासन की जांच में यह सिद्ध होता है तो उसके विरूद्घ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मगर इसके लिए लोगों को कोई सुबूत दिखाना होगा कि कैसे भुगतान अधिक दिया है। ऐसे में जब भी कोई टेस्ट कराएं संबंधित लैब से टेस्ट करवाने के बाद बिल अवश्य जरूर लें। बिल के माध्यम से साबित होगा कि अापसे कितना चार्ज लिया गया है। बिल देना सभी लैब संचालकों को अनिवार्य है।


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