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संविधान के निर्माण में हिसार का था अहम रोल, सभा में ये तीन सदस्य थे हिसारवासी

इतिहासकार एवं प्रोफेसर डा. महेंद्र सिंह ने बताया कि संविधान सभा के कुल सदस्यों की संख्या 389 निर्धारित की गई थी। जिसमें से संविधान पर 324 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। सभा में संयुक्त पंजाब के 14 सदस्य मौजूद थे।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 07:18 PM (IST)
संविधान के निर्माण में हिसार का था अहम रोल, सभा में ये तीन सदस्य थे हिसारवासी
एडवोकेट पंडित ठाकुरदास भार्गव, लाला अचिंत राम और चौधरी सूरजमल का रहा योगदान।

हिसार, पवन सिरोवा। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रित देश की पहचान उसका उत्कृष्ट श्रेणी का माने जाने वाला संविधान है। इसी संविधान के अनुसार ही भारत में कानून बनता है या फैसले लिए जाते है। विश्व के इस उत्कृष्ट श्रेणी के संविधान के निर्माण में हिसार की अहम भूमिका रही है। कारण है कि संविधान निर्माण करने वाली सभा में हिसार के तीन गणमान्य लोग मौजूद थे। जिनमें मशहूर एडवोकेट पंडित ठाकुरदास भार्गव, लाला अचिंत राम और चौधरी सूरजमल शामिल थे। जिन्होंने संविधान निर्माण में अपने अपने ढंग से कार्य किया और देश का उत्कृष्ट श्रेणी का संविधान बनाया। भारतीय संविधान का निर्माण 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुआ। 26 जनवरी 1950 को लागू संविधान लागू किया गया। इस दिन को हम गंणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है। जिसमें हिसार की अहम भूमिका है।

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प्रदेश के नौ लोग सभा में थे मौजूद

प्रसिद्ध इतिहासकार एवं प्रोफेसर डा. महेंद्र सिंह ने बताया कि संविधान सभा के कुल सदस्यों की संख्या 389 निर्धारित की गई थी। जिसमें से संविधान पर 324 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। सभा में संयुक्त पंजाब के 14 सदस्य मौजूद थे, जबकि हरियाणा की बात करे तो हरियाणा प्रदेश से नौ लोगों ने संविधान निर्माण में अपना अहम योगदान दिया। नौ दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई। 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ। 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू कर दिया। इसमें हिसार के लोगों ने अहम रोल अदा किया।

तीनों थे अनुभवी

संविधान मूल्यों और मर्यादाओं का लेखा जोखा है। जिसमें हरियाणा के लोगों ने अहम भूमिका निभाई। इतिहासकार महेंद्र सिंह ने कहा कि ये तीनों ही लोग स्वतंत्रता की लड़ाई में भी अपनी अहम भूमिका निभाने वाले थे। जिनका फील्ड वर्क में काफी अनुभव था। ये संविधान सभा के सदस्य बनने के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल कर सभा के सदस्य बने थे। जिन्हें लोगों का समर्थन भी था। उन्होंने कोशिश की राष्ट्रीय एकता और सद्भावना सुरक्षित रहे इस बात को ध्यान में रखते हुए संविधान निर्माण किया। हमें इसे बचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

संविधान निर्माण सभा का सदस्य चुना गया

संयुक्त पंजाब के पहले मुख्यमंत्री गोपीचंद भार्गव के बड़े भाई थे ठाकुरदास भार्गव। ठाकुरदास भार्गव के पौते जगदीप भार्गव ने बताया कि जब मेरे दादा जी का देहांत हुआ तो मैं सात साल का था। मेरे पिता दादाजी के बारे में बताया करते थे कि वे पेशे से वकील थे। क्रिमिनल लॉयर थे। प्रदेश में बातचीत में अक्सर लोग कह देते थे तू बड़ा ठाकुरदास भार्गव लाग रहा है। वे वकालत में इतने निपुण थे कि उनके काफी किस्से परिवार के सदस्य सुनाया करते थे। स्वतंत्रता में उनके योगदान, उनकी नॉलेज और समाज के लोगों से जुड़ाव के कारण उन्हें संविधान निर्माण सभा का सदस्य चुना गया था।

ये भी जानें

संविधान निर्माता लाला अचिंत राम का पुत्र कृष्ण कांत देश के उपराष्ट्रपति बने वहीं सूरजमल के परिवार के सदस्य भी प्रदेश राजनीति में रहे है। सूरजमल हिसार जिले के नारनौंद के रहने वाले थे।


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