तरबूज के आकार के नींबू उगा रहा हिसार का किसान, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए करेगा आवेदन
हिसार के आदमपुर क्षेत्र के गांव किशनगढ़ में किसान द्वारा लगाए गए पौधे पर ढाई से 3 किलो के नींबू लग रहे हैं। इतने बड़े आकार के नींबू देखकर हर कोई हैरान है। जल्द ही किसान गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन करेगा।
मंडी आदमपुर [अमित गोयल] पौधे पर तरबूज के आकार का नींबू। सुनकर अचरज हो रहा होगा लेकिन यह पूरी तरह से सही है। गांव किशनगढ़ में किसान द्वारा लगाए गए पौधे पर ढाई से 3 किलो के नींबू लग रहे हैं। इतने बड़े आकार के नींबू देखकर हर कोई हैरान है। जल्द ही किसान गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन करेगा। किसान विजेंद्र उर्फ विजय थोरी ने बताया कि कुछ साल पहले अपनी 7 एकड़ जमीन पर पंजाब से लाकर किन्नू की पौध लगाई थी।
उन्होंने बीच-बीच में माल्टा, मौसमी व नींबू के पौधे लगाए थे। किन्नुओं के अलावा नींबू लगने शुरू हो गए हैं। अहम बात यह है कि पेड़ पर लग रहे नींबू खासे बड़े आकार के हैं और ढाई से 3 किलो तक के नींबू लग रहे हैं। ग्रामीणों ने पेड़ से नींबू तोड़कर कांटे पर रखा तो उसका वजन 2 किलो 464 ग्राम था। किसान ने बताया कि पौधे को पूरी तरह आर्गेनिक खाद दी गई है।
इसी कारण नींबू का वजन इतना अधिक हो गया है। पेड़ पर लग रहे नींबू की चर्चा सुनकर बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंच रहे हैं। ग्रामीण नींबुओं के साथ फोटो भी खिंचवा रहे हैं। इतने बड़े-बड़े नींबू देखकर हर कोई हैरान है। किसान विजेंद्र थोरी के पिता बलवंत फौजी का कहना है कि आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करने से ही निश्चित तौर पर नींबू का आकार इतना बड़ा हुआ है। वह खुद इसको लेकर आश्चर्यचकित हैं।
खट्टे नींबुओं ने घोली जीवन में मिठास
बड़े आकार का यह नींबू पत्थरी की बीमारी में मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रहा है। किसान विजेंद्र किशनगढ़ का दावा है कि नींबू की शिंकजी पीने से पूरे गांव में पत्थरी का एक भी रोगी नही है। किसान के मुताबिक नींबू लेने के लिए विभिन्न गांव व शहरों से ही नही बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग आ रहे है। जैसे ही इस नींबू के बारे में पता लगता है यहां पहुंच जाते है। पहली बार में ही इस नींबू की शिंकजी पीने से पत्थरी की बीमारी से आराम आ जाता है।