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एससीएसटी केस में मुनमुन दत्ता को अग्रिम जमानत के मामले में हिसार कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई

आरोप है कि अभिनेत्री मुनमुन दत्ता ने इंस्टाग्राम पर जारी एक कथित वीडियो में कहा था उसे यूट्यूब पर वीडियो डालनी है जिसमें वह अच्छा दिखना चाहती है और एक जाति विशेष जैसा नहीं दिखना चाहती। इस मामले में हांसी पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ था

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:46 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:46 AM (IST)
एससीएसटी केस में मुनमुन दत्ता को अग्रिम जमानत के मामले में हिसार कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई
मुनमुन दत्ता को अगरिम जमानत के मामले में अब 28 जनवरी को होगा फैसला

जागरण संवाददाता, हिसार: टीवी धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा की मशहूर कलाकार मुनमुन दत्ता द्वारा अनुसूचित जाति से संबंधित टिप्पणी के मामले में अग्रिम जमानत याचिका के लिए हिसार कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसमें बीते एक सप्‍ताह में ही तीन तारीखें मिल चुकी है। मंगलवार को हिसार कोर्ट में एडीजे अजय तेवतिया की अदालत में सुनवाई हुई थी। इस दौरान मुनमुन दत्ता के अधिवक्ता अशोक बिश्नोई और शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कलसन मौजूद रहे। दोनों अधिवक्ताओं में करीब एक घंटे तक मामले को लेकर बहस चली।

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शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि सुनवाई के दौरान मुनमुन दत्ता के अधिवक्ता ने सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रखी गई दलीलें दोहराई थी। अधिवक्ता रजत कलसन ने कहा कि मुनमुन दत्ता के सात लाख फालोवर है। उन्होंने जो टिप्पणी की है। वह सात लाख लोगों ने देखी है। दोनों अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अगरिम जमानत पर फैसला सुनाने के लिए 28 जनवरी निर्धारित की है।

गौरतलब है कि नेशनल अलायंस फ़ार दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने हांसी एसपी को मामले में शिकायत दी थी, करीब आठ महीने पहले मामले में केस दर्ज हुआ था। आरोप है कि अभिनेत्री मुनमुन दत्ता ने इंस्टाग्राम पर जारी एक कथित वीडियो में कहा था ''''उसे यूट्यूब पर वीडियो डालनी है, जिसमें वह अच्छा दिखना चाहती है और एक जाति विशेष जैसा नहीं दिखना चाहती। रजत कलसन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उक्त अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर वीडियो डालकर पूरे भारत में अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान किया है और एक जाति विशेष शब्द को गाली के तौर पर इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि इसी मामले में मुनमुन दत्ता पर चार राज्यों में केस दर्ज हुआ था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को हांसी के मामले से जोड़ दिया था।


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