हिसार बस अड्डा शिफ्टिंग प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ा तो इसी स्टैंड की हालत को सुधारने में जुटा रोडवेज विभाग
शिफ्टिंग प्रोसेस सिरे नहीं चढ़ा तो रोडवेज विभाग इसी की खस्ता हालत को सुधारने में लगा है। बस अड्डा पर एक करोड़ रुपये का बजट खर्च कर सुंदरीकरण करवाया जा रहा है। कई सालों से हिसार बस अड्डा और नागरिक अस्पताल को शिफ्टिंग के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था।
जागरण संवाददाता, हिसार। शहर बस अड्डा को शिफ्टिंग का प्रोसेस सिरे नहीं चढ़ा तो रोडवेज विभाग इसी की खस्ता हालत को सुधारने में लगा है। इसके लिए बस अड्डा पर एक करोड़ रुपये का बजट खर्च कर सुंदरीकरण करवाया जा रहा है। कई सालों से हिसार बस अड्डा और नागरिक अस्पताल को शिफ्टिंग के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। मगर यह प्रक्रिया पिछले ढ़ाई साल से धीमी है। इस बीच कभी भी बस अड्डा व अस्पताल को शिफ्टिंग करने को लेकर मुद्दा उठाया नहीं गया।
बस अड्डा पर सवारियों के लिए बैठने के लिए कुर्सी, बेंच की हालत खस्ता थी और शौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। अब उनमें सुधार की उम्मीद है। जब एयरपोर्ट बन रहा था तो मुद्दा काफी चर्चाओं में था कि बस अड्डा व नागरिक अस्पताल दोनों भी शिफ्ट होंगे। आमजन को नई सुविधाएं मिलने की उम्मीदें थी, लेकिन अब ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। शिफ्ट हाेने के बाद वर्तमान समय की तर्ज पर नया बस अड्डा बनता और राष्ट्रीय स्तर पर अन्य बसों की सुविधा बढ़ती।
बारिश में टपकती है छत
बारिश के मौसम में बस अड्डा की छत टपकने लगती है, जिससे यात्रियों को खड़े रहने में परेशानी होती है और बस अड्डा पर जलभराव हो जाता है। अब छत को पूरी तरह वाटरप्रुफ बनाया जाएगा, जिससे पानी नहीं टपकेगा। बस अड्डा के पूरे भवन को रंग-रोगन कर सुंदरीकरण होगा।
शौचालयों की हालत खराब
बस अड्डा पर बने दोनों ओर महिला व पुरुषों के शौचालयों की हालत खराब है। यहां तक कि वाशरूम में हाथ धोने के लिए टूंटियां भी टूटी हुई है और कई बार पानी तक नहीं मिलता। इनका रोडवेज प्रशासन की ओर से ध्यान ही नहीं रखा जाता है और न ही रात को देखभाल के लिए कर्मी तैनात रहता है। एक शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया है, पर उसे अभी आमजन के लिए शुरू नहीं किया गया।
------बस अड्डा पर यात्रियों के लिए साफ पीने की पानी की व्यवस्था तक नहीं है। यात्रियों को पीने के लिए 20 रुपये की बोतल लेनी पड़ती है। वरना वाटर कूलर पानी की व्यवस्था मिलना मुश्किल है।