वर्ल्ड बॉक्सिंग रैंकिंग में छठे नंबर पर हिसार का बॉक्सर दीपक, एक फैसले ने बदल दी जिंदगी
पढ़ाई में कमजोर था दीपक। घर की आर्थिक स्थिति थी खराब तो खेल को चुना और पाई सफलता। दीपक का सपना ओलंपिक में गोल्ड लाकर देश का नाम करना है रोशन।
हिसार, जेएनएन। मैं पढ़ाई में कमजोर था। मेरे पिता सुरेंद्र कुमार होमगार्ड की जॉब करते हैं। मां सुमित्रा देवी गृहिणी हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ऐसे में मुझे सफलता का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। मेरे चाचा रविंद्र के दोस्त खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुझे कोच राजेश श्योराण से मिलवाया। कोच राजेश श्योराण ने यूनिवर्सल बॉक्सिंग अकेडमी में मुझे बॉक्सिंग की बारीकियां सिखाना शुरू किया। वहीं से मेरी खेल में रुचि बढऩे लगी।
मुझे मेरी सफलता नजर आने लगी फिर मैंनें दिन-रात बॉक्सिंग में मेहनत शुरू की और मेरी जीत का ग्राफ बढऩे लगा। साल 2019 में मैंने एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर पदक हासिल किया। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज संघ (एआइबीए) की ताजा रैंकिंग में छठा स्थान हासिल करने वाले हिसार के दीपक का। कैमरी रोड निवासी दीपक ने अपने खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर वल्र्ड के बेस्ट बॉक्सर की 49 किलोग्राम भारवर्ग की टॉप 10 की लिस्ट में छठा स्थान हासिल कर देश को खेल में सम्मान दिलाया है।
दीपक ने बताया कि 18 साल की उम्र में खेल की बदौलत आर्मी में सिपाही के पद पर चयनित हुआ। आर्मी में जाकर खेल में ओर सुधार किया और कड़ी मेहनत की। कोच राजेश श्योराण का मार्गदर्शन लगातार जारी रहा। साल 2019 में एशियन चैंपियनशिप और चाइना में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर पदक हासिल किए तो खेल में रैंकिंग बढ़ी। यह मेरे लिए खुशी की बात है। वर्तमान में मैं पटियाला में इंडियन कैंप में बॉक्सिंग अभ्यास कर रहा हूं। मेरा अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल करना है।
23 वर्षीय दीपक की उपलब्धियां :
साल 2019 : एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर पदक
साल 2019 : सातवें वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स चाइना में सिल्वर।
साल 2019 : थाईलैंड ओपन इंटरनेशल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर।
साल 2019 : इरान में आयोजित चैंपियनशिप में गोल्ड।
साल 2018 : नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड।
साल 2018 : 68वीं इंटर सर्विसेज बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड।
दीपक की मेहनत लाइ रंग : राजेश श्योराण
दीपक के कोच राजेश श्योराण ने कहा कि दीपक 12 साल की उम्र में मेरे पास बॉक्सिंग सीखने आया था। उसने बॉक्सिंग में कड़ी मेहनत की। मैं उसे जब खेल की बारीकियां बताता तो उसे सीखकर वह बॉक्सिंग में कड़ी मेहनत करता था। उसकी मेहनत रंग लाई। आजाद नगर नहर के पास यूनिवर्सल बॉक्सिंग एकेडमी में अब भी जब हिसार आता है तो खेल अभ्यास करता है। एकेडमी ने उसकी प्रतिभा को देखकर उसे अपने खर्च पर तैयारी करवाई। आज दीपक ने वर्ल्ड में छठा स्थान हासिल कर देश व प्रदेश के साथ एकेडमी को भी खेल में सम्मान दिलाया है।