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Pollution News: भवन निर्माण, वाहनों के धुंए और पराली के कारण हिसार बना देश का तीसरा सबसे प्रदूषित जिला

एक महीने से लोग खुलकर सांस भी नहीं ले सकते हैं। नवंबर माह बीतने चार दिन शेष रह गए हैं मगर फिर भी प्रदूषण कम हाेने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा वायु में अधिक है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 08:49 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 08:49 AM (IST)
Pollution News: भवन निर्माण, वाहनों के धुंए और पराली के कारण हिसार बना देश का तीसरा सबसे प्रदूषित जिला
हरियाणा के जिलों में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है

जागरण संवाददाता, हिसार। देश के तीन सबसे प्रदूषित शहरों में हिसार नाम तीसरे स्थान पर है। यहां वीरवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 359 दर्ज किया गया है। हालात यह हैं कि एक महीने से सांसों पर लाकडाउन लगा हुआ है। सुबह हो या सायं लोग खुलकर सांस भी नहीं ले सकते हैं। नवंबर माह बीतने चार दिन शेष रह गए हैं मगर फिर भी प्रदूषण कम हाेने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा वायु में अधिक है। शहर में चल रहा निर्माण, वाहनों से निकलने वाला धुंआ और पराली यह तीन कारण प्रदूषण उत्पन्न करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। सेक्टर हो या मुख्य सड़क सभी स्माग के कारण लोगाें का दम फुला रहे हैं। हिसार में वीरवार को सुबह और सायं के समय ऐसे ही हालात बने दिखाई दिए।

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11 दिनों में पानी की बौछारों से दूर किया जा रहा स्माग

पिछले 11 दिनों से अग्निशमन विभाग के द्वारा शहर में पानी का छिड़काव किया जा रहा था। जिसमें शहर की मुख्य सड़कों को कवर किया। मगर आखिरी दिन से चार दिन पहले इस कार्य को बंद कर दिया गया था क्योंकि प्रदूषण में कुछ कमी आई थी। मगर अब फिर से प्रदूषण बढ़ने की समस्या से उत्पन्न हुआ स्माग नुकसान दे रहा है। विभाग जल्द ही फिर से पानी का छिड़काव शुरू कर सकता है। ताकि लोगों को स्माग से राहत मिले।

इनका रखें विशेष ध्यान

- बच्चों के फेफड़े अभी भी विकास कर रहे हैं और सर्दी के दिनों में वे बहुत ज्यादा समय बाहर खेलने में बिताते हैं ऐसे में उनमें सांस लेने के दौरान अधिक प्रदूषण से प्रभावित होने का खतरा रहता है।

- लोग जो अस्थमा की समस्या जैसे फेफड़ों की बीमारी आदि से पीड़ित हैं।

- ऐसे लोग जिन्हें दिल की समस्या है। मधुमेह के रोगियों को भी क्योंकि वे हृदय रोग होने की संभावना के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

- वरिष्ठ नागरिकों को उच्च जोखिम न केवल अपनी उम्र की वजह से है बल्कि उनके कमजोर दिल, फेफड़े और प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी हैं।

- एलर्जी से प्रभावित लोग, गर्भवती महिलाओं और धूम्रपान करने वाले लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है।


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