कोरोना वैक्सीन लेकर आंदोलन स्थल पर बैठी रही टीम, 150 से पूछा, किसी किसान ने नहीं लगवाया टीका
आंदोलन में शामिल किसानों द्वारा कोरोना टेस्ट न करवाने और न ही वैक्सीन लगवाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। बुधवार को आंदोलन स्थल पर कैंप लगाया। यहां पर टीम वैक्सीन लेकर बैठी रही। करीब 150 किसानों से संपर्क भी किया मगर एक ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई।
बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल किसानों द्वारा कोरोना टेस्ट न करवाने और न ही वैक्सीन लगवाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन की अपील के बावजूद किसान इसके लिए तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बार फिर बुधवार को आंदोलन स्थल पर कैंप लगाया। यहां पर टीम वैक्सीन लेकर बैठी रही। करीब 150 किसानों से संपर्क भी किया, मगर एक ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई। इनमें से करीब 30 ने तो यह जवाब दिया कि उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज अपने गांव में ले रखी है। अब दोबारा गांव में जाएंगे तो वहां पर दूसरी डोज की वैक्सीन भी लगवा लेंगे। हालांकि ऐसा है या नहीं, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। जबकि बाकी किसानों ने सीधे तौर पर मना कर दिया कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।
एक दिन पहले मीटिंग में की थी अपील :
एसडीएम हितेंद्र कुमार और डीएसपी राहुल देव की ओर से एक दिन पहले ही आंदोलनकारियों के साथ बैठक की गई थी। इसमें स्वास्थ्य विभाग से एसएमओ डा. विनय कुमार भी मौजूद थे। अधिकारियों ने किसानों से अपील की थी कि वे कोरोना के टेस्ट करवाएं और वैक्सीन लगवाएं। इस पर आंदोलनकारियों ने जवाब दिया था कि वे संयुक्त मोर्चा की ओर से लिए जाने वाले फैसले पर ही अमल करेंगे। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहा) ने कोरोना से बचाव को लेकर पंजाब से डाक्टरों की टीम बुलाने की बात भी कही थी। डाॅक्टरों की यह टीम एक दो दिन में आंदोलन स्थल पर पहुंचने की बात कही जा रही है।
आंदोलन स्थल पर सभा ही नहीं बाजार और स्टेशन पर आवाजाही से भी संक्रमण फैलने का डर :
आंदोलन स्थल पर किसानों की रोजाना सभा चलती है। इन्हीं में से काफी किसान बाजारों में भी आते हैं। साथ ही कुछ-कुछ दिन के अंतराल पर ट्रेन से पंजाब जाते हैं और फिर वापस लौटते हैं। रेलवे स्टेशन पर भी कई घंटों तक इनकी भीड़ लगी रहती है। इसी भीड़ में अन्य यात्री भी होते हैं। यह स्थिति चिंता पैदा कर रही है।