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गर्भपात करने वालों पर शिकंजा कसेगा स्वास्थ्य विभाग

संवाद सहयोगी, हिसार : स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अवैध रूप से चल रहे गर्भपात करने वालों पर शिकंजा

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 09:10 PM (IST)
गर्भपात करने वालों पर शिकंजा कसेगा स्वास्थ्य विभाग
गर्भपात करने वालों पर शिकंजा कसेगा स्वास्थ्य विभाग

संवाद सहयोगी, हिसार :

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स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अवैध रूप से चल रहे गर्भपात करने वालों पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है। साथ ही विभाग ने आदेश दिए हैं कि जिन अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त है, उन सेंटर संचालकों को पूरा डाटा ऑनलाइन करना होगा। ताकि सेंटर से संबंधित पूरे रिकॉर्ड पर सरकार की पैनी नजर रहे। जिले स्तर पर 54 सेंटरों को सरकार ने मान्यता दी हुई है। जोकि नियमों के अनुसार चल रहे हैं। इन सेंटरों को एमटीपी भी कहा जाता है, जिसका पूरा नाम मेडिकल ट्रर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी है। नियम के अनुसार विशेष शर्तो पर ही दंपती गर्भपात करवा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने एमटीपी सेंटरों को खोला है, जिन्हें लीगल तौर पर ही दंपती को गर्भपात करने की अनुमति है। लेकिन अगर कोई चोरी-छिपे गर्भपात कर रहा है और जो भी दंपति करवा रहा है। उसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग एक्शन भी करेगा, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। --जिले में है पांच आइवीएफ सेंटर

जिले में पांच आइवीएफ सेंटर हैं, जिन्हें इनविटरो फर्टिलाइजेशन सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। ये ऐसे सेंटर होते हैं, जिन दंपती को गर्भधारण से संबंधित समस्या से गुजर रहे होते हैं तो आइवीएफ सेंटरो में जाकर दंपती को गर्भधारण करवाया जाता है, ये सभी सेंटर प्राइवेट है। लेकिन सरकार की ओर से जारी नियमों का पालन करने में ये सेंटर भी बाध्य हैं। इसके लिए भी सरकार ने आइवीएफ सेंटर संचालकों को पूरा रिकोर्ड ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। ताकि सभी अधिकारी इन सेंटरों से अपडेट रहें।

--गर्भपात से संबंधित दस्तावेजों पर रहेगी स्वास्थ्य विभाग की नजर मान्यता तौर पर चल रहे सेंटरों में रोजाना होने वाले गर्भपात की जानकारी ऑनलाइन करनी होगी। ताकि अधिकारियों को पता रहे कि जिले स्तर पर कौन से सेंटर में कितने गर्भपात हुए और किस नियम के अनुसार हुए। इस प्रक्रिया से उच्च अधिकारियों की पैनी नजर गर्भपात करवाने वालों पर रहेगी। ताकि वैध और अवैध रूप से चल रहे गर्भपात सेंटरों पर विभाग की निगरानी हो सकें। अगर नियमों की अवेहलना होती है तो संबंधित मुखिया के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। --गर्भपात करने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। ताकि पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन हो सकें। - तेजपात शर्मा, डिप्टी सीएमओ

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