एचएयू के मैकेनाइज्ड बॉयो गैस प्लांट का काम पूरा
विश्वविद्यालय प्रशासन अगले सप्ताह तक इस प्लांट को प्रारंभिक तौर पर शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर पहले ही ट्रायल किया जा चुका है। मौजूदा समय में एचएयू अपने संसाधनों से प्रोडक्शन करेगा इसके बाद शहर से भी कचरे को खरीदा जाएगा।
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में बन रहे देश के पहले मैकेनाइज्ड बॉयो गैस प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस प्लांट के शुरू होने से पराली, फूड वेस्ट, गोबर एवं घरेलू कचरे आदि का प्रयोग कर बिजली के साथ बॉयो गैस और जैविक खाद तैयार की जा सकेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन अगले सप्ताह तक इस प्लांट को प्रारंभिक तौर पर शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर पहले ही ट्रायल किया जा चुका है। मौजूदा समय में एचएयू अपने संसाधनों से प्रोडक्शन करेगा, इसके बाद शहर से भी कचरे को खरीदा जाएगा। इस प्लांट को बनाने का काम आस्ट्रिया की कंपनी कर रही थी। इस कार्य को पूरा करने में करीब छह करोड़ रुपये की लागत आई है।
कचरा निस्तारण की समस्या होगी हल
एचएयू के इस कदम से कैंपस में रोजाना जनरेट होने वाले कचरे के निस्तारण में मदद मिलेगी। इसके अलावा इसमें कृषि अवशेषों का प्रयोग होने से किसान इन्हें जलाने से भी परहेज करेंगे। भविष्य में एचएयू शहर का कचरा और किसानों की पराली भी लेगा। यही नहीं आगे चलकर शहरवासियों को एचएयू फीलिग स्टेशन के माध्यम से सीएनजी मुहैया करवाई जाएगी। प्लांट की विशेषताएं
- प्लांट क्षमता- 100 किलोवाट
- फीड इनपुट - 10 टन प्रतिदिन
- सब्स्ट्रेस - गोबर, फूड वेस्ट, फसल अवशेष (पराली), रसोई का कचरा
- बायोगैस उत्पादन- 2 लाख घन मीटर
- कुल ऊर्जा उत्पादन - 2.236 मेगा वाट आवर प्रति वर्ष
- कुल विद्युत उत्पादन- 800 मेगावाट आवर प्रति वर्ष
- थर्मल क्षमता- 128 किलोवाट
- कुल ताप उत्पादन- 992 मेगा वाट आवर प्रति वर्ष
- अनुकूलित जैविक खाद- 5 टन प्रतिदिन
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बॉयोगैस प्लांट का काम पूरा हो चुका है। अगले सप्ताह में हम इस प्लांट को शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। आधिकारिक रूप से उद्घाटन के साथ ही प्लांट से प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा।
प्रो. समर सिंह, कुलपति, एचएयू