Move to Jagran APP

कोविड संक्रमितों के दाह संस्कार को एचएयू ने बढ़ाया कदम, निगम को सौंपी 200 क्विंटल सूखी लकड़ी

कोरोना महामारी के दौरान मृतकों की अंत्येष्टि के लिए नगर निगम को 200 क्विंटल सूखी लकड़ी दान की हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की ओर से तीन ट्राली सूखी लकडिय़ां नगर निगम के माध्यम से श्‍मशान घाट में भिजवा दी गई हैं

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 01:33 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 01:33 PM (IST)
कोविड संक्रमितों के दाह संस्कार को एचएयू ने बढ़ाया कदम, निगम को सौंपी 200 क्विंटल सूखी लकड़ी
एचएयू ने मानवता के नाते जरूरतमंदों के लिए श्‍मशान घाट को भेजी लकड़ी

हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने सामाजिक दायित्व के नाते कदम बढ़ाते हुए कोरोना महामारी के दौरान मृतकों की अंत्येष्टि के लिए नगर निगम को 200 क्विंटल सूखी लकड़ी दान की हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की ओर से तीन ट्राली सूखी लकडिय़ां नगर निगम के माध्यम से श्‍मशान घाट में भिजवा दी गई हैं और भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले गरीब मरीजों की अंत्येष्टि के लिए शमशान घाट को ये लकड़ी सौंपी गई।

loksabha election banner

इसलिए इस महामारी के दौरान जान गंवाने वालों के लिए एक मदद होगी। भू-दृश्य सरंचना इकाई के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने वर्तमान में फैली वैश्विक कोरोना महामारी के चलते जरूरतमंद लोगों की समस्या का संज्ञान लेते हुए उनकी मदद के लिए यह फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में जहां-जहां सूखी लकडिय़ां उपलब्ध हैं, उनको एकत्रित कर और कटवाकर शमशान घाट में भिजवाने के निर्देश दिए।

परिजनों की अंत्येष्टि में काम आएगी लकड़ी

ये सूखी लकडिय़ां जरूरतमंद परिवारों को अपने परिजनों की अंत्येष्टि के लिए काम आ सकेंगी और मानवता की भलाई में हमारा सहयोग हो सकेगा। शमशान घाट में एकदम सूखी लकड़ी बहुतायत मात्रा में नहीं मिल पाती हैं, जिसके चलते शवों के अंतिम संस्कार करवाने में दिक्कतें आती हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर से सूखी लकडिय़ों को एकत्रित किया गया और मानवता का फर्ज अदा करते हुए इन्हें शमशान घाट को सौंपा गया।

अक्सर बोली लगाकर बेचा जाता है

आमतौर पर विश्वविद्यालय की ओर से सूखी लकडिय़ों की बोली लगाकर बेचा जाता है, लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन्हें बेचने की बजाय दान करने का फैसला लिया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी के चलते जिले के छह गांवों को भी गोद लिया है जिनमें कोरोना पीडि़तों को नि:शुल्क कोरोना बीमारी की दवाइयों की किट प्रदान की जा रही हैं। साथ ही समय-समय पर विश्वविद्यालय परिसर व कृषि विज्ञान केंद्रों में टीकाकरण कैंप, जरूरतमंद कोरोना पीडि़तों को खाने की व्यवस्था, ऑक्सीजन की सुविधा, बेड  एम्बुलेंस आदि की सहायता की जा रही है। भविष्य में भी इस प्रकार के सामाजिक सरोकार के कार्य जारी रहेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.