मशीनों की सहायता से प्रो ट्रे में पौधे तैयार करेगा एचएयू का बागवानी विभाग
एचएयू के कुलपति प्रो. समर ¨सह ने कहा कि इस मशीन के आने से किसानों को स्वस्थ व बेहतर गुणवत्ता के पौधे मिल सकेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय किसानों की जरूरत के अनुसार पौधे तैयार कर सकेगा और किसानों को अधिक मात्रा में पौधे मिल सकेंगे।
हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग में अब विज्ञानी ऑटोमेटिक मशीन की सहायता से प्रो ट्रे में पौधे तैयार करेंगे। इसके लिए विभाग ने एक ऐसी मशीन मंगवाई है जो बीज को बोने से लेकर खाद व सिंचाई तक के सभी काम बहुत तीव्र गति से और आधुनिक तकनीक से करेगी। साथ ही इससे समय व पैसे की बचत के साथ-साथ लेबर की भी नाममात्र ही जरूरत पड़ेगी। इस मशीन को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर ¨सह ने कहा कि इस मशीन के आने से किसानों को स्वस्थ व बेहतर गुणवत्ता के पौधे मिल सकेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय किसानों की जरूरत के अनुसार पौधे तैयार कर सकेगा और किसानों को अधिक मात्रा में पौधे मिल सकेंगे।
बीमारी व कीटाणुरहित होंगे पौधे
बागवानी विभाग के अध्यक्ष डा. अनिल गोदारा ने बताया कि पहले पौधे तैयार करने के लिए मजदूरों की सहायता ली जाती है। इसमें बीज बोने से लेकर खाद व पानी देने तक सभी काम मजदूरों से किए जाते थे। इसके अलावा पौधे तैयार करने के लिए बीज को जमीन में ही बोया जाता था, जिसमें बीज के सौ प्रतिशत अंकुरण की संभावना कम होती थी और पौधे में जमीन से ही बीमारी शुरू हो जाती थी। साथ ही पौधे को एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसप्लांट करने में भी दिक्कत थी। इस मशीन के प्रयोग से ऐसी सभी समस्याओं पर विराम लग जाएगा।
ऐसे काम करेगी मशीन
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डा. एसके सहरावत ने बताया कि इस मशीन में सुविधानुसार प्रो ट्रे लगाई जाती हैं। उसके बाद मशीन की सहायता से ही इस प्रो ट्रे में नारियल का बुरादा, अंकुरण के लिए बीज व ¨सचाई के लिए पानी डाला जाता है। इसके बाद मशीन जरूरत के हिसाब से प्रो प्रो ट्रे में बीज डालती है। एक प्रो प्रो ट्रे में 55 से 105 तक बीज डालकर पौधे तैयार किए जाते हैं। फिर प्रो टैर को पॉली हाउस में रखा जाता है और पौधे तैयार होने तक उनकी वहीं देखभाल की जाती है।
सौ फीसद होगा बीजों का अंकुरण
फलदार पौधों, फूलों व सब्जियों की पौध तैयार करने के लिए जो बीज बोया जाता है वह बहुत ही महंगा होता है। साथ ही मजदूरों की सहायता से जमीन में तैयार करने में समय अधिक लगने के साथ-साथ उनके सौ प्रतिशत अंकुरण या जमाव की भी संभावना कम होती है और बिमारी और कीटाणुओं से ग्रसित होने का डर रहता है। इसलिए कई बार तो कीमती बीज खराब हो जाता है और उससे बहुत कम मात्रा में पौधे तैयार हो पाते हैं।
अब समय, पैसे व लेबर की होगी बचत
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के ¨प्रसीपल इंवेस्टीगेटर डा. राजपाल दलाल के अनुसार पहले सारा काम हाथों से होता था, जिसमें अधिक समय व पैसे के साथ-साथ मजदूरी भी अधिक लगती थी। औसतन एक मजदूर पूरे दिन में केवल 60 से 65 तक ही प्रो ट्रे भरते थे जबकि इस मशीन की सहायता से एक घंटे में 300 से 700 तक प्रो प्रो ट्रे भरी जा सकती हैं।
-------विज्ञानी किसानों की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इस मशीन की सहायता से स्वस्थ व गुणवत्ता पूर्वक पौधे तैयार करना भी इसी दिशा में सराहनीय कदम है। यह विज्ञानी की मेहनत व नई सोच का परिणाम है और इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
-प्रो समर सिंह, कुलपति, एचएयू