Haryana Weather Update: आज से बदलेगा मौसम, दिन के तापमान में बढ़ोतरी रात में गिरावट की संभावना
पश्चिमीविक्षोभ का आंशिक प्रभाव से राज्य में मौसम परिवर्तनशील रहने व बीच-बीच में आंशिक बादलवाई रहने की संभावना है। जिससे रात के तापमान में हल्की गिरावट बनी रहने की संभावना है। 2 मार्च से 6 मार्च के बीच मौसम खुश्क रहने के आसार हैं
हिसार, जेएनएन। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के चलते पहले गर्मी बढ़ी तो अब दिन के तापमान में पिछले दो दिनों से कमी देखी जा रही है। मगर मंगलवार से मौसम फिर परिवर्तित हुआ है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी संभावित है। मंगलवार सुबह तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्री ही कम है। फरवरी माह में पहले ही पिछले 11 वर्ष का रिकार्ड दिन का तापमान तोड़ चुका है। अब पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से कुछ राहत जरूर मिली है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमीविक्षोभ का आंशिक प्रभाव मौजूदा मौसम में देखने को मिल रहा है। राज्य में मौसम परिवर्तनशील रहने व बीच-बीच में आंशिक बादलवाई रहने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी व रात के तापमान में हल्की गिरावट बने रहने की संभावना है। 2 मार्च से 6 मार्च के बीच मौसम आमतौर पर खुश्क रहने, दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है।
बदलते मौसम को लेकर किसान इन बातों का रखें ध्यान
गेहूं- मौसम परिवर्तनशील है। इस दौरान बीच बीच में हवा चलने की संभावना है। ऐसे में गेहूं में अगले दो- तीन दिन सिंचाई रोक लें। मगर मंगलवार के बाद सभी फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
कीटों की करें निगरानी
अनुकूल मौसम बने रहने की संभावना को को ध्यान में रखते हुए गेहूं ,चने व सरसों की फसलों व सब्जियों में कीटों व रोगों की निगरानी करते रहें। फसल में एफिड या अन्य कीट व रोग का प्रकोप दिखाई दे तो नजदीक के कृषि अधिकारी से सलाह अनुसार स्प्रे मौसम साफ हो जाने पर करें।
---सरसों- मौसम में हो रहे बदलाव के कारण सरसों में सफेद रतुआ बीमारी बढ़ने की संभावना है इस रोग के उपचार के लिए मौसम साफ होने पर 600 ग्रा. मेन्कोजैब (डाइथेन या इन्डोफिल एम-45) को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।