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Haryana Weather News: हरियाणा में अगले छह दिन तक मौसम रहेगा खुश्क, जल्द करें फसल कटाई

उत्तरी व पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिलों में कहीं कहीं तेज हवाएं व धूल भरी आंधी और गरजचमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की बारिश दर्ज की गई थी। राज्य में मौसम 14 अप्रैल तक आमतौर पर खुश्क व गर्म रहने व दिन के तापमान में हल्की बढोतरी की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:15 AM (IST)
Haryana Weather News: हरियाणा में अगले छह दिन तक मौसम रहेगा खुश्क, जल्द करें फसल कटाई
हरियाणा में अब एक सप्‍ताह तक मौसम साफ और गर्म रहने की संभावना है

हिसार, जेएनएन। बारिश के बाद अब आगामी दिनों में मौसम खुश्क रखने की संभावना है। इसको लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत किसानों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। मौसम खुश्क रहने की संभावना को देखते हुए पकी हुई सरसों, गेहूं व अन्य फसलों की कटाई कढ़ाई करें।

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खेतों को अच्छी प्रकार से तैयार कर कपास व नरमा बीटी की बिजाई उन्नत किस्मों के साथ शुरू करें। इसके साथ ही बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करें। सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार सिंचाई, निराई - गुड़ाई करे व कीट रोगों की रोकथाम के लिए स्प्रे करें। किसानों को इस समय फसलों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। हिसार में वीरवार को 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

हल्की गति से हवा चलने की संभावना

राज्य में विश्विद्यालय द्वारा दिये पूर्वानुमान अनुसार पश्चिमीविक्षोभ  के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 6 अप्रैल रात्रि  को उत्तरी व पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिलों में कहीं कहीं तेज हवाएं व धूल भरी आंधी और गरजचमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की बारिश दर्ज की गई थी। राज्य में मौसम 14 अप्रैल तक आमतौर पर खुश्क व गर्म रहने व दिन के तापमान में हल्की बढोतरी की संभावना है। इस दौरान बीच बीच में हल्की गति से हवा चलने व हल्के बादल  भी आने की संभावना है।  

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है।


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