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Haryana Weather News: अलसुबह और देर रात्रि को छा रहा कोहरा, आज और कल बादलवाई मौसम रहेगा सर्द

राज्य में मौसम आमतौर पर 22 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19 व 20 नवंबर को बीच-बीच में कहीं-कहीं हल्की बादलवाई भी संभावित है। पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट भी संभावित है

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 10:37 AM (IST)
Haryana Weather News: अलसुबह और देर रात्रि को छा रहा कोहरा, आज और कल बादलवाई मौसम रहेगा सर्द
हिसार में सामान्य से सात डिग्री गिरा रात्रि का तापमान

जागरण संवाददाता, हिसार। मौसम बदलाव का असर साफ देखा जा सकता है। अल सुबह और देर रात्रि को हल्का कोहरा भी शुरू हो गया है। मौसम की स्थिति यह है कि बुधवार को दिन का तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस और रात्रि तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं 15 नवंबर को रात्रि तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस था जो 16 नवंबर घटकर 7.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। जबकि दो दिन पहले सामान्य से पांच डिग्री तो मंगलवार को सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम रात्रि तापमान रहा।

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इसके साथ ही सुबह और देर रात्रि को हल्का कोहरा भी शुरू हो गया है। वहीं दिन का तापमान हिसार में दिन का तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। इससे पहले 29.4 दिन का तापमान दर्ज किया गया था। मौसम के परिवर्तन के कारण यह स्थिति देखने काे मिल रही है। इसके साथ ही बादलवाई के कारण मौसम सर्द रहेगा।

आगे मौसम की यह रहेगी स्थिति

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 22 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19 व 20 नवंबर को बीच-बीच में कहीं-कहीं हल्की बादलवाई भी संभावित है। इस दौरान राज्य में हल्की गति से पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट भी संभावित है। इस दौरान राज्य में दिन का तापमान सामान्य के आसपास ही बने रहने की संभावना है।

कोहरा बनने की यह है प्रक्रिया

सर्द ऋतु में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं । ये सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रूप में संघनन करने में सहायक होते है उनसे मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं तथा आसपास की ठंडी हवा के सम्पर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमण्डल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है तथा इस स्थिति में दृश्यता एक किलोमीटर से भी काफी कम हो जाती है।


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