Haryana Weather News: अरब सागर के साइक्लोन का हरियाणा में भी दिखेगा असर, आंधी और बारिश के आसार
पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोन की नमी भरी हवा हरियाणा में 18 मई से अपना असर दिखाना शुरू करेंगी। जिससे हरियाणा के अधिकांश क्षेत्रों में तेज हवा और गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। 18 से 21 मई के बीच असर देखने को मिलेगा।
हिसार, जेएनएन। अरब सागर में बनने जा रहे साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) का प्रभाव हरियाणा में भी देखने को मिलेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान की तरफ से बढ़ रहा पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोन की नमी भरी हवा हरियाणा में 18 मई से अपना असर दिखाना शुरू करेंगी। जिससे हरियाणा के अधिकांश क्षेत्रों में तेज हवा और गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। इसको लेकर पहले ही चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने चेता दिया था।
उन्होंने बताया था कि अरबसागर के दक्षिण पूर्व में एक कम दबाब का क्षेत्र बनने व आने वाले दिनों में डिप्रेसन व साइक्लोन बनने की संभावना है। अब ठीक वैसा ही दिखाई पड़ रहा है। शनिवार को डिप्रेशन ने साइक्लोन का रूप धारण कर लिया, जिसका नाम म्यांमार ने ताऊते रखा है। यह तूफान अगले दो दिनों में सीवियर साइक्लोन व बाद में तीव्र हो कर अति सीवियर साइक्लोन में परिवर्तित होगा। इसके बाद यह तूफान उत्तर- उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ आगे बढ़ता हुआ गुजरात के तटों के आसपास प्रभाव दिखा सकता है। इसकी उत्तर या उत्तर पश्चिम में बढ़ने की प्रबल संभावना बनी हुई है। ऐसे मे इस तूफान का प्रभाव हरियाणा में भी देखने को मिलेगा।
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17 मई तक गुजरात के तटों तक पहुंचने की संभावना
कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि वर्तमान परिस्थिति के अनुसार यह गुजरात के तटों के आसपास 17 मई रात्रि या 18 मई तक पहुंच सकता है। इससे नमी वाली हवा अरब सागर से गुजरात राजस्थान से होते हुए हरियाणा राज्य की तरफ 18 मई रात्रि तक पहुंच सकती हैं। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की तरफ से एक और पश्चिमी विक्षोभ 18 मई तक उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में आने की संभावना है । इन दो वेदर सिस्टम के (पश्चिमी विक्षोभ व साइक्लोन की नमी वाली हवा) आपस मे मिलने से राज्य में 18 मई रात्रि में मौसम में बदलाव संभावित है। जिससे राज्य के विशेषकर उत्तर व दक्षिण पश्चिमी क्षेत्रों के ज्यादातर स्थानों पर 19 मई से 21 मई के बीच तेज हवाओं व गरजचमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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क्या होता है डिप्रेशन, साइक्लोन व सीवियर साइक्लोन
डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि डिप्रेशन एक तरह से कम दबाव का क्षेत्र होता है। परंतु इसमें हवाओं की रफ्तार और ऊर्जा बढ़ी हुई होती है। यह अवस्था डिप्रेशन कहलाती है। डिप्रेशन के बाद साइक्लोन बनता है, जिसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा से भी अधिक हो जाती है। इसके बाद अति तीव्र चक्रवाती तूफान (सीवियर साइक्लोन) बनता है। इसमें हवाओं की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार होती है।