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हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का जींद में चार अप्रैल को हो रही केजरीवाल की रैली का बहिष्कार का ऐलान

मोर्चा नेताओं ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले की घटना के बाद टीकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर से केजरीवाल सरकार द्वारा आंदोलन स्थल से सुविधाएं वापस ले ली गईं। पंजाब में जाकर केजरीवाल हरियाणा को एक बूंद भी सिंचाई पानी न देने की बात कहते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 07:05 PM (IST)
हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का जींद में चार अप्रैल को हो रही केजरीवाल की रैली का बहिष्कार का ऐलान
अरविंद केजरीवाल की रैली के बहिष्‍कार की घोषणा करने के दौरान सयुंक्‍त किसान मोर्चा के सदस्‍य

बहादुरगढ़, जेएनएन। हरियाण संयुक्त किसान मोर्चा ने जींद में चार अप्रैल को प्रस्तावित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जींद में होने वाली रैली के बहिष्कार का ऐलान किया है। बुधवार को टीकरी बॉर्डर पर मोर्चा के प्रभारी प्रदीप धनखड़ की अध्यक्षता में बैठक हुई। उसमें यह फैसला हुआ। धनखड़ ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव प्रचार पूरा होने तक मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठनों ने किसी भी राजनीतिक पार्टी के कार्यक्रम के विरोध की घोषणा कर रखी है। मगर आम आदमी पार्टी किसान और खाप की आड़ में भाजपा-जजपा के विरोध से उपजे माहौल का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इसलिए टोल प्लाजा के धरनों पर अरविंद केजरीवाल का पुतला दहन होगा।

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मोर्चा नेताओं ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले की घटना के बाद टीकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर से केजरीवाल सरकार द्वारा आंदोलन स्थल से सुविधाएं वापस ले ली गईं। इतना ही नहीं पंजाब में जाकर केजरीवाल हरियाणा को एक बूंद भी सिंचाई पानी न देने की बात कहते हैं। यदि अरविंद केजरीवाल किसान हितैषी हैं तो इस्तीफा देकर आंदोलन का समर्थन क्यों नहीं करते। दिल्ली में लंबित कृषि सुधारों पर ठोस कदम क्यों नहीं उठाते। आम आदमी पार्टी के किसी भी सांसद, मंत्री या पदाधिकारी ने किसानों के पक्ष में इस्तीफा क्यों नहीं दिया है, जबकि किसानों का ऐलान है कि राजनीतिक पद छोड़े बिना किसी भी पार्टी को कोई रैली या किसान आंदोलन के मंच का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।

यदि केजरीवाल जींद की धरती का राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए दुरुपयोग करेंगे तो काले झंडों के साथ उनका विरोध होगा। पंजाब जैसी अप्रिय घटना भी हो सकती है, उसकी जिम्मेदारी प्रशासन और अरविंद केजरीवाल की खुद की होगी। माेर्चा के नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ चुके गुरनाम सिंह चढूनी को जींद की रैली पर चुप रहने का आदेश किसने दे रखा है, यह सच भी जनता के सामने आना चाहिए। बैठक में किसान नेता वीरेंद्र हुड्डा, रामदिया छातर, दलबीर रेदू, विकल पचार, मंदीप मलिक, विकास सीसर, डंपी पहलवान ने भी विचार रखे।


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