सरकार की पोल-खोल करेगी हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी
बीते दिनों चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारियों से हुई बातचीत में विभाग में किलोमीटर व स्टेज कैरिज स्कीम रद करने एवं बढ़ती आबादी के अनुसार नई बसें शामिल करने कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने व परिचालकों का वेतनमान बढ़ाने को लेकर बात हुई थी। अब टालमटोल किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार : निजीकरण पर रोक के लिए सरकार गंभीर नहीं है। लंबित मांगों को लेकर टाल-मटोल का रवैया अपना रही है। हरियाणा रोडवेज की तालमेल कमेटी 17 नवंबर को रोहतक में राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेगी। सम्मेलन में सरकार का पोल-खोल किया जाएगा। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने दी।
उन्होंने बताया कि बीते दिनों चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारियों से हुई बातचीत में विभाग में किलोमीटर व स्टेज कैरिज स्कीम रद करने एवं बढ़ती आबादी के अनुसार नई बसें शामिल करने, कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने व परिचालकों का वेतनमान बढ़ाने को लेकर बात हुई थी। अब टालमटोल किया जा रहा है। लंबित मांगों में से केवल कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है। विभाग में कोरोना महामारी से चार कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों को एक्सग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल कर सरकार मृतकों के परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने को तैयार नहीं है।
किरमारा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की सभी मांगों को छह जनवरी व चार जून को परिवहन मंत्री के साथ हुई बातचीत में जायज बताकर एक माह में लागू करने का वादा किया गया था। दस माह बीतने पर भी मांगों का समाधान नहीं किया गया है। कर्मचारी नेता इन्द्र सिंह बधाना, ओमप्रकाश ग्रेवाल, सरबत सिंह पूनिया, नसीब जाखड़, पहल सिंह तंवर, दिनेश हुड्डा व आजाद सिंह गिल ने कहा कि हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर 17 नवंबर को रोहतक में सरकारी कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों की चर्चा की जाएगी। सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर को चक्का जाम किया जाएगा।