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रिपोर्ट में खुलासा, लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए हरियाणा पुलिस ने फील्‍ड में उतारी थी 76 फीसद फोर्स

गृह मंत्रालय के तहत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने कोरोना महामारी के दौरान देशभर के राज्यों की पुलिस द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान हरियाणा पुलिस के अन्य विभागों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 10:32 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 10:32 PM (IST)
रिपोर्ट में खुलासा, लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए हरियाणा पुलिस ने फील्‍ड में उतारी थी 76 फीसद फोर्स
लॉकडाउन के दौरान हरियाणा पुलिस के प्रयासों को बीपीआरडी की रिपोर्ट में सराहना मिला है

हांसी (हिसार) [मनप्रीत सिंह] सेवा, सुरक्षा, सहयोग का नारा देने वाली हरियाणा पुलिस ने लॉकडाउन में जनता को सुरक्षा देने के साथ-साथ सेवा व सहयोग के नारे को भी चरितार्थ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्टेट पुलिस ने लॉकडाउन को सफल बनाने के साथ-साथ जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध करवाने, बेसहारा लोगों को आसरा देने सहित अनेक कार्य करते हुए सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी का भी बखूूबी निर्वाह किया।

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गृह मंत्रालय के तहत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने कोरोना महामारी के दौरान देशभर के राज्यों की पुलिस द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान हरियाणा पुलिस के अन्य विभागों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने व गृह मंत्रालय की सूचनाओं को सुगमता से फील्ड यूनिट्स तक पहुंचने सहित अनेक कार्यों की सराहना की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों के लोगों की एंट्री रोकने के लिए पुलिस ने 162 इंटर-स्टेट नाके स्थापित किए जिनमें से 15 मेन नाके थे जहां डीएसपी स्तर के अधिकारी हर समय तैनात रहे। राज्य की 76 फीसद पुलिस फोर्स फील्ड में तैनात रही। 3 कंट्रोल रूप स्थापित किए जहां डीएसपी स्तर के हर समय तैनात रहे और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 1500 रिजर्व पुलिस बल रखा गया।

अंडर ट्रेनिंग पुलिस कर्मियों को भी फील्ड में उतारा

जिला पुलिस - 39915

एसपीओ - 4884

होमगार्ड - 4242

आइआरबी पुलिस - 556

अंडर ट्रेनिंग - 857

लोगों ने देखा पुलिस का नया अवतार

अमूमन कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले पुलिस का नया अवतार लॉकडाउन में देखने को मिला। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने एनजीओ की सहायता से राज्य में 32 लाख फूड पैकेट जरूरतमंदों को वितरित किए गए। इसके अलावा 17 हजार श्रमिकों के रहने का प्रबंध करवाया गया।

डंडा चलाने के बजाए समझाया

रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि देश की राजधानी से सीमा लगने के कारण प्रदेश संवेदनशील राज्यों में था। लेकिन पुलिस ने स्थित कंट्रोल करने के लिए डंडा कम चलाया और लोगों से बेहतर व्यवहार करते हुए जागरुता अधिक फैलाई। जिला पुलिस के अलावा मुख्यालय में बैठे बड़े पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहे जिससे पुलिस के प्रयासों से लोग वाकिफ हुए।

विदेशों से आए 99 फीसद व्यक्ति चिन्हित किए

कोरोना के शुरुआती दौर में संक्रमण को रोकने के लिए विदेशों ने आने वाले व्यक्तियों की पहचान करना जरूरी थी और राज्य पुलिस ने बखूबी इस जिम्मेदारी का निर्वाह किया। लॉकडाउन के दौरान 18573 व्यक्ति विदेशों से राज्यों में वापिस लौटे, जिनमें से पुलिस ने 18371 व्यक्तियों को ट्रेस कर लिया व 13409 व्यक्तियों को क्वारंटाइन किया। यानी 99 फीसद विदेशों से राज्य में आए व्यक्तियों को पुलिस को ट्रेस करने में सफलता मिली।


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