Haryana Monsoon News: हरियाणा में अगले चार दिनों में फिर बनेगी मानसून ब्रेक की स्थिति, हिमालय की तलहटियों में गई मानसूनी हवा
मौसम परिवर्तन से हरियाणा में 27 अगस्त तक आमतौर पर मौसम परिवर्तनशील रहने बीच- बीच में आंशिक बादल तथा हल्की गति से पाश्चिमी हवा चलने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, हिसार। बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से मानसूनी हवा की सक्रियता बढ़ने से राज्य में 20 अगस्त से 23 अगस्त के दौरान राज्य के उत्तर व दक्षिण क्षेत्रों के ज्यादातर जिलों में बारिश हुई मगर राज्य के पाश्चिमी जिलों में बादलवाई व कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। मानसून की टर्फ रेखा अब बीकानेर, भिवानी, दिल्ली, बरेली, गोरखपुर, दरभंगा, उत्तर पूर्व असम तक बनी हुई है जिसका पाश्चिमी छोर अगले 24 घंटों में हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने की संभावना को देखते हुए राज्य में मानसूनी हवा थोड़ी कमजोर हो जाने से मानसून ब्रेक की सिथति अगले चार दिनों तक बनने की संभावना बन रही है।
इस बदलाव से यह पड़ेगा प्रभाव
इस मौसम परिवर्तन से हरियाणा में 27 अगस्त तक आमतौर पर मौसम परिवर्तनशील रहने, बीच- बीच में आंशिक बादल तथा हल्की गति से पाश्चिमी हवा चलने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। इस दौरान राज्य के उत्तरी क्षेत्र में कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश की भी संभावना है। दक्षिण पश्चिम मानसून जून से शुरू होकर जुलाई और अगस्त पूरा कर रहा है। ऐसे में फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, करनाल में अधिक बारिश हुई है। वहीं अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, पंचकूला, रोहतक, यमुनानगर में अभी भी सामान्य से कम बारिश है।
पिछले साल दक्षिण पश्चिम मानसून में ही थी बारिश की स्थिति
- 22 जिलों में से आठ जिलों में सामान्य बारिश हुई।
- तीन जिलों में अधिक बारिश दर्ज की गई।
- 10 जिलों में बारिश काफी कम दर्ज की गई।
- सबसे अधिक पंचकूला में 65 फीसद बारिश कम हुई थी।
- रोहतक में 57 फीसद तो भिवनी में 45 फीसद बारिश कम दर्ज की गई थी।
- सबसे अधिक सिरसा में 43 फीसद बारिश हुई।
- कैथल में 35 और करनाल में 29 फीसद अधिक बारिश हुई।