Haryana Hisar Weather : बारिश से मंडियों में भीगी फसल, 30 अप्रैल तक बनी रहेगी चिंता
30 अप्रैल से पहले आंशिक बादल आने व हल्की गति से हवाएं चलने परन्तु 25 अप्रैल रात्रि से 27 अप्रैल के बीच बादलवाई व तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना।
हिसार, जेएनएन। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम के 30 अप्रैल तक परिवर्तनशील रहने को लेकर किसान चिंता में है। 25 अप्रैल को ही मौसम ने करवट बदली और प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बदरा बरसे। करनाल, यमुनानगर, कैथल, झज्जर, भिवानी में तेज बारिश हुई तो मंडी में रखी गेहूं की बोरियां और ढेरियां भीग गई। किसानों के पास भीगती फसल को बचाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
सोने के समान भीग रही फसल को देख किसान बेहद दुखी नजर आए। वहीं हिसार और आस पास के जिलों में भी हल्की बूंदाबांदी हुई। अभी भी मौसम फिर से करवट ले सकता है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मंडी में जाकर भीगती फसल का वीडियो बनाकर अपने ट्विटर अकाउंट पर भी अपलोड किया है जिसमें हरियाणा सरकार के इंतजामों पर सवाल उठाए गए हैं।
रविवार सुबह जहां धूप निकली और फिर देखते ही देखते मौसम बदल गया। ऐसा बीते एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से हो रहा है। मौसम एक दम साफ रहता है तो कभी गर्मी बढ़ जाती है फिर मौसम खुशनुमा हो जाता है। इसे लेकर किसानों में चिंता बनी रहती है। क्याेंकि गेहूं की फसल निकाली जा चुकी है तो कई जगहों पर निकाली जा रही है। ऐसे में मेहनत पर पानी फिर सकता है।
कैथल की मंडी में बारिश के कारण भीगी गेहूं की बोरियां
हिसार में रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो वहीं न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं शनिवार को यह करीब दो डिग्री ज्यादा था। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 30 अप्रैल तक परिवर्तनशील रहने तथा बीच-बीच में आंशिक बादल आने व हल्की गति से हवाएं चलने परन्तु 25 अप्रैल रात्रि से 27 अप्रैल के बीच बादलवाई व तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना।
झज्जर की मंडी में भीगी सरसों और गेहूं की फसल
मौसम से बचाव के लिए किसान ये करें उपाय
1. सरसों, गेहूं, चने व अन्य फसलों की कटाई, कढाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान रखें।
2. कटाई कर के फसलों के बंडल अवश्य बांधे ताकि हवा चलने से बिखर न सके।
3. कढाई उपरांत तूड़ी/भूसा को अवश्य ढंके ताकि तेज हवाएं चलने पर उड़ न सके।
4. कढाई उपरांत अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें ताकि बारिश आने की अवस्था में भीग न सके।
5. फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल का प्रबंध अवश्य साथ रखें।
6. नरमा-कपास की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।