Haryana Hisar Weather : तेज अंधड़ के साथ बारिश, गेहूं भीगी, गिरे पेड़ और पोल, 6 मई तक आसार
पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव के कारण 3 मई रात्रि से 6 मई के बीच-बीच में राज्य में बादलवाई व मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना
हिसार, जेएनएन। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार तीन मई की शाम मौसम ने अपना मिजाज बदला। तेज अंधड़ के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। राजस्थान की ओर से चली हवाओं के वेग में पेड़ और बिजली के पोल टूट कर नीचे गिर गए। बारिश के कारण मंडियों में रखी गेहूं की बोरियां भीग गई। कई गावों में पानी भी भर गया।
हालांकि मौसम ने हल्की मध्यम बारिश और तेज हवाओं का अनुमान ही जताया था, मगर मौसम ने इससे ज्यादा दिखाया। गेहूं भीगने के कारण किसान बुरी तरह से चिंतित नजर आए। प्रदेशभर के जिलों में बारिश देखने को मिली। वहीं आम आदमी ने गर्मी कम होने से राहत की सांस ली। तो किसानों के लिए यह बारिश आफत बनकर बरसी। इससे पहले भी शनिवार को हल्की बारिश ने परेशान किया था।
दिन में जहां हिसार का अधिकतम तापमान करीब 38 डिग्री सेल्सियस के आस पास बना हुआ था, बारिश होते ही इसमें तीन डिग्री के करीब गिरावट देखने को मिली। न्यूनतम तापमान भी गिरा। बता दें कि इस बार पिछली साल की तुलना में लॉकडाउन के कारण गर्मी कम महसूस हो रही है। वाहन और उद्योग धंधे न चलने के कारण गर्मी में बढ़ोतरी कम हो रही है तो वहीं बार बार बारिश भी हो रही है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में गर्मी का प्रकोप शुरू हुआ तो फिर से मौसम परिवर्तित हो गया।
हिसार समेत भिवानी व रोहतक में करीब 30 मिनट तक बारिश हुई, वहीं अन्य जिलों में भी बूंदाबांदी हुई। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में 7 मई तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव के कारण 3 मई रात्रि से 6 मई के बीच-बीच में राज्य में बादलवाई व मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
बदलते मौसम के दौरान किसान इन बातों का रखें ध्यान
- बारिश की संभावना को देखते हुए नरमा की बिजाई 7 मई तक रोक लें।
- फसलों की कटाई, कढ़ाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान रखें तथा कटाई-कढ़ाई जल्दी से जल्दी पूरी करें।
- गेहूं की कटाई उपरांत बंडल अवश्य बांधें, ताकि तेज हवा चलने से बिखर न सके।
- तूड़ी/भूसा को अच्छी प्रकार से ढंके ताकि हवाएं चलने पर उड़ न सके तथा बारिश होने पर न भीगे।
- कटी हुई फसल व कढाई उपरांत अनाज को सुरक्षित स्थान पर अवश्य रखें।
- बारिश की संभावना को देखते हुए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि गेहूं व सरसों मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध अपने साथ अवश्य रखें।
बता दें कि शनिवार को आंधी व बारिश से ऐलनाबाद (सिरसा) में काफी नुकसान हुआ। शहर के हनुमानगढ़ रोड पर तेज आंधी के कारण हरियाणा फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप की छत उखड़ गई। साथ ही पांच दुकानों में दरार आ गई। बारिश से कुछ जिलों में मंडियों व खरीद केंद्रों पर रखा गेहूं भीग गया। जो किसान अनाज लेकर आए थे, उन्होंने खरीद एजेंसियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। किसानों का कहना था कि उठान न होने की वजह से मंडियों में गेहूं रखने की जगह नहीं बची है। इस कारण उनका अनाज भी नहीं बिक रहा। कई दिनों से बारिश की संभावना जताई जा रही थी, इसके बावजूद अधिकारियों ने तेजी से उठान कराने की तरफ ध्यान नहीं दिया।