Haryana Hisar Weather : हिसार समेत कई जिलों में बारिश, 13 मई तक बने रहेंगे ऐसे ही आसार
हरियाणा में 11 मई व 13 मई को बादलवाई और मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व कहीं- कहीं गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हल्की बारिश परन्तु 14 मई के बाद मौसम आमतौर पर खुश्क संभावित है।
हिसार, जेएनएन। बीते एक सप्ताह से गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था तो रविवार सुबह फिर से मौसम ने करवट बदली। सुबह ही बादल छा गए और कई जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। रोहतक, बहादुरगढ़, यमुनानगर, हिसार, भिवानी, कैथल, समेत कई जिलों में बादलों के कारण अंधेरा छा गया। वहीं यमुनानगर में तो रात जैसा नजारा देखने को मिला। रोहतक और बहादुरगढ़ में तेज आंधी के कारण कई पेड़ भी टूट गए। मौसम के बदलते ही गर्मी भी कम हो गई।
इससे पहले शनिवार को इस सीजन का अभी तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। हिसार में दिन का तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं रविवार को बादल छाने और बूंदाबांदी के बाद हिसार में सुबह के अधिकतम तापमान में करीब चार डिग्री की गिरावट देखने को मिली तो वहीं न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तो वहीं न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
10 मई के बाद से फिर से पश्चिमी विक्षोभ गुजरने से मौसम में परिवर्तन होने की संभावना बनी। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हरियाणा राज्य में मौसम में 10 मई देर से बदलाव होने की संभावना है। इससे राज्य में 11 मई व 13 मई को बादलवाई और मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व कहीं- कहीं गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी, हल्की बारिश परन्तु 14 मई के बाद मौसम आमतौर पर खुश्क संभावित है।
खेती करने के दौरान किसान इन बातों का रखें ध्यान
- नरमा की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।
- कढाई उपरांत तूड़ी/भूसा को अवश्य ढके ताकि हवाएं चलने पर उड़ न सके।
- कढाई उपरांत अनाज को सुरक्षित स्थान पर अवश्य रखें।
- फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल का प्रबंध साथ अवश्य रखें ।
कोरोना से बचाव को किसानों के लिए सलाह
- कोरोना से रक्षात्मक बचाव के लिए खेत में काम करते समय व मंडी में भी मास्क अवश्य लगाएं।
- गांव व मंडी में एक-दूसरे से आवश्यक दूरी बनाकर रखें।
- साबुन व सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोएं।
- फसल कटाई उपरांत गेहूं के अवशेषों को न जलाएं ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे।
- रीपर से भूसा बनाएं या अन्य मशीनों से अवशेषों को भूमि में दबाएं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और अगली फसल से ज्यादा उत्पादन लिया जा सकेगा।