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ऑनलाइन होगा हरियाणा के पशुओं का डाटा, पहली बार पालतू बिल्ली की भी होगी गिनती

इस गणना में पशु की नस्ल, उम्र, उसका आकार सहित कई अन्य गुणों के शामिल किया जाएगा। यही नहीं गणना करने वाले लोग पशुओं की फोटो लेकर भी ऑनलाइन अपलोड करेंगे।

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 06:07 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 01:00 PM (IST)
ऑनलाइन होगा हरियाणा के पशुओं का डाटा, पहली बार पालतू बिल्ली की भी होगी गिनती
ऑनलाइन होगा हरियाणा के पशुओं का डाटा, पहली बार पालतू बिल्ली की भी होगी गिनती

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में पहली बार पालतू पशुओं का डेटा ऑनलाइन किया जाएगा। हरियाणा में किस उम्र के कितने पशु हैं और किस नस्ल के हैं, इसकी भी गिनती होगी। पहली बार ऐसा हो रहा है कि पशुओं की गिनती ऑनलाइन तरीके से टेब के द्वारा की जाएगी। इस गणना में पशु की नस्ल, उम्र, उसका आकार सहित कई अन्य गुणों के शामिल किया जाएगा। यही नहीं गणना करने वाले लोग पशुओं की फोटो लेकर भी ऑनलाइन अपलोड करेंगे। इस बार इस गणना में पालतु बिल्ली की भी गणना होगी। इसके अलावा पशुपालक का नाम और आधार कार्ड भी इससे जोड़ा जाएगा।

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यानी, हरियाणा के सभी पालतु पशुओं का पूरा डेटा हरियाणा सरकार के पास होगा। इसके पीछे विभाग का उद्देश्य प्रदेश में पशुओं की वास्तविक संख्या का पता लगाना है, ताकि विभाग की कोई भी योजना संख्या के आधार पर शुरू की जाए। किसानों व पशुपालकों को उनका लाभ मिल सके। इससे पहले 2012 में पशुओं की गणना हुई थी। तब प्रदेश में पालतु पशुओं की संख्या लगभग 98 लाख थी।

टैब में ऐप पर फीड किया जाएगा डेटा

पशुओं की गणना के लिए प्रदेश भर में स्क्रुटनी ऑफिसर, सुपरवाइज और नंबरेटर नियुक्त कर दिया गया है। जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। इन लोगों को सरकार की ओर से पहले ही टेब दिए जा चुके है। इस ट्रेनिंग में उन्हें टेब में एप पर किस तरह से डेटा फीड किया जाना और इसके बारे में बताया जा रहा है। पशु सहायकों और चिकित्सकों की टीमें गावों में घर-घर जाकर हर पशु का ज्ञान नामक एप पर पूरा डेटा ऑनलाइन तैयार करेगी। टीमें घरों के बाहर पशुपालन विभाग की तरफ से नंबर भी लिखेगी। इस काम में गांव के सरपंच व मेंबर आदि का भी सहयोग लिया जा सकता है।

पशुओं का लिया जाएगा ये डेटा

पशु की नस्ल, उम्र, उसके माता-पिता, उसे कब और कौन से वैक्सीन लगाई गई, कितनी बार बच्चों को जन्म दिया, दूध की मात्रा आदि को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा पशुपालक का नाम और आधार कार्ड शामिल किया जाएगा।

लुवास में हुई चार जिलों की ट्रेनिंग

पशुपालन विभाग की ओर शनिवार व रविवार को को लाला लाजपत राय पशुविज्ञान एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में चार जिलों के लगभग 125 सुपरवाइजर को ट्रेनिंग दी गई। जिसमें हिसार के अलावा, फतेहाबाद, जींद और सिरसा के सुपरवाइजर शामिल थे। पशुपालन विभाग हिसार के डिप्टी डायरेक्टर डा. बीएस संधू ने बताया कि इस ट्रेनिंग कम वर्कशॉप में हेडक्वार्टर से आए डा. नरेंद्र ठकराल और उनकी टीम ने अपनी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि गणना किस तरह से की जानी है और डेटा कैसे ऑनलाइन फीड होगा। इस दौरान हरियाणा के पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुनील गुलाटी, विभाग के डीजी हरदीप सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर डा. ओपी छिक्कारा, फतेहाबाद के डिप्टी डायरेक्टर डा. काशीराम, सिरसा के डिप्टी डायरेक्टर डा. सुखविंद्र और जींद से डा. राजवीर सिंह भी मौजूद रहे।

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हम सभी पालतु पशुओं का डेटा इक्कठा कर रहे हैं। 29 जनवरी से गणना शुरू हो जाएगी, जो 4 महीने में पूरी होगी। गाय-भैंस के अलावा पालतु पशु कोई भी हो, हरेक को गणना में शामिल किया जाएगा।

- डा. सुनील गुलाटी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पशुपालन विभाग हरियाणा।


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