सिरसा के हरीश ने मिल्खा सिंह को देख शुरू किया था दौड़ना, 65 की उम्र में रोज दौड़ते हैं 10 किमी
फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह अब नहीं रहे। पर उनकी यादें अब भी लोगों के जेहन में हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं सिरसा के हरीश मेहता। 1975 में मिल्खा सिंह से चंडीगढ़ में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मिले थे। उनको देखकर दौड़ना शुरू किया।
सिरसा, जेएनएन। वर्ष 1975 में चंडीगढ़ के अंदर कालेज में पढ़ाई करता था। सेक्टर 7 स्थित एथलेटिक्स क्लब में फर्राटा धावक मिल्खा सिंह अभ्यास के लिए आते थे। उनको क्लब में दौड़ता देखकर उनके पास पहुंचा। मुझे देखकर मुस्कराते हुए कहा कैसे हो। इस पर मैंने हाथ से इशारा करते हुए ओके कहा। इसके बाद उन्होंने कहा कि कहां पढ़ाई करते हो। मैंने सेक्टर 26 स्थित कालेज में पढ़ाई करने की बात कही। इस पर मिल्खा सिंह ने कहा दौड़ भी लगाया करो। अच्छी चीज खाया करो। ये कहना है सिरसा के शिव चौक निवासी हरीश मेहता का। हरीश मेहता ने मिल्खा सिंह के साथ गुजरे पल के बारे में दैनिक जागरण से सांझे किए। मिल्खा सिंह के गुजर जाने से हरीश काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि उन्हें अब भी मिल्खा सिंह के गुजर जाने की बात पर यकीन नहीं हो रहा है।
बहुत अच्छे इंसान थे मिल्खा सिंह
हरीश मेहता ने बताया कि उस समय मेरी आयु 18 वर्ष थी। मिल्खा सिंह से कई बार मुलाकात हुई। मिल्खा सिंह बहुत ही अच्छे इंसान थे। उनसे प्रेरणा लेकर ही मैंने दौड़ने का फैसला लिया। आज भी 65 साल की आयु में सुबह के समय 10 किलोमीटर तक दौड़ लगता हूं। कालेज स्तर पर दौड़ की कई प्रतियोगिता में भाग लिया। उस समय अनेक प्रतियोगिता जीती। इसके बाद सिरसा में भी कई प्रतियोगिता में भाग लेकर विजेता बना।
मिल्खा सिंह के साथ बिताए पल आज भी याद
हरीश मेहता कहते हैं कि जैसे ही फर्राटा धावक मिल्खा सिंह की मृत्यु होने का समाचार पता चला, मुझे बहुत गहरा दुख हुआ। उनके साथ बिताए पल आज भी मुझे याद हैं। जिससे लग रहा है मिल्खा सिंह अभी भी जिंदा है। उनकी मृत्यु के समाचार पर विश्वास नहीं हो रहा है। हमने एक बहुत ही बेहतरीन धावक को खो दिया हो।
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