2013 में डलवाए थे तीन स्टेंट, फिर पकड़ी योग की राह, अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं सिरसा के प्रेम मोदी
प्रेम मोदी ने बताया 2013 में उन्हें हार्ट की समस्या हुई तो उन्हें तीन स्टेंट डलवाने पड़े। वजन भी अधिक था। उसके बाद नियमित रूप से योगाभ्यास करने लगा। बाद में योग कक्षा में जाना शुरू किया और अब वर्तमान में खुद योग शिक्षक हैं।
सिरसा, जेएनएन। योग से असाध्य रोगों को भी मात दी जा सकती है। पढ़ा जरूर था, जब नियमित योग करने लगा तो अनुभव भी हुआ और विश्वास बढ़ता गया। अब पिछले आठ सालों से सुबह रोजाना डेढ़ घंटा योग करता हूं और दूसरों को भी योग करने के लिए प्रेरित करता हूं। यह कहना है मोहंता गार्डन निवासी योग साधक प्रेम मोदी का। प्रेम मोदी करियाणा दुकान चलाते हैं साथ ही केटरिंग का काम भी करते हैं लेकिन अपनी व्यस्ततम दिनचर्या में से सुबह पांच से लेकर सात बजे तक का समय योग के लिए फिक्स किया हुआ है।
प्रेम मोदी का कहना हे कि 2013 में उन्हें हार्ट की समस्या हुई तो उन्हें तीन स्टेंट डलवाने पड़े। वजन भी अधिक था। उसके बाद नियमित रूप से योगाभ्यास करने लगा। बाद में योग कक्षा में जाना शुरू किया और अब वर्तमान में खुद योग शिक्षक के रूप में दूसरों को योग सीखा रहे हैं। प्रेम मोदी का कहना है कि योग व आयुर्वेद को अपनाकर व्यक्ति असाध्य कहे जाने वाले रोगों को भी मात दे सकता है। उन्होंने बताया कि तीन स्टेंट डले होने के बावजूद वह दिन भर मशीन की तरह काम करता है और कोई थकान, परेशानी नहीं होती। योग को अपनाने के बाद उन्होंने एलोपैथिक दवाइयों का सेवन बिल्कुल बंद कर दिया। उसका वजन भी करीब 13 किलो कम हुआ है।
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वर्तमान में प्रेम मोदी प्रतापगढ़ पार्क में नियमित योग कक्षाएं लगाते हैं। जहां क्षेत्र के आसपास के लोग योग सीखने आते हैं। सुबह सवेरे योग के साथ साथ गिलोय, तुलसी के काढ़े इत्यादि के सेवन से सुबह की शुरूआत अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि योग को अपनाकर अनेक लोगों ने कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया है।