हादसे को भांप ऑटोमेटिक ब्रेक लगा देगी यह कार, शराब पीकर चढ़े तो नहीं होगी स्टार्ट
कार हाईवे पर दौड़ रही है और धुंध या बारिश अधिक होने से दूर तक नहीं देख पा रहे हैं तो इस कार में लगा सेंसर आपको खुद ही बता देगा कि निर्धारित दूरी पर कोई बाधा है।
हिसार [संदीप बिश्नोई]। कार हाईवे पर दौड़ रही है और धुंध या बारिश अधिक होने से दूर तक नहीं देख पा रहे हैं तो कार में लगा सेंसर आपको खुद ही बता देगा कि निर्धारित दूरी पर कोई बाधा है। जैसे आदमी, पेड़, पशु या कुछ और। इसके साथ ही बाधा के पहले ही निर्धारित दूरी पर कार में स्वत: ब्रेक लग जाएंगे। इस सेंसर को भारी वाहनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
हिसार के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के बीटेक फाइनल ईयर के विद्यार्थियों ने इस सेंसर को तैयार किया है। इसकी विशेषता यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति निर्धारित मात्रा से अधिक शराब पीकर कार चलाएगा, तो कार स्टार्ट नहीं होगी। अपने छात्रों की इस उपलब्धि पर विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक केडिया ने उन्हें बधाई दी है।
इस सेंसर को मूर्तरूप देने वाले विद्यार्थियों के अनुसार उन्हें सड़क हादसों में होने वाली मौतों के आंकड़े ने हिला दिया। हादसों पर अंकुश लगाने के लिए कारणों की खोज की तो सामने आया कि धुंध, बारिश और शराब पीकर कार चलाना इसके मुख्य कारण हैं, इसलिए इस तरह का उपकरण बनाने की बात सोची।
कार के आगे लगाया अल्ट्रासोनिक सेंसर
विद्यार्थियों ने बताया कि कार के आगे एक अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाया जाता है, जो प्रोग्रामिंग करके निर्धारित की गई रेंज में गाड़ी के सामने आने वाली बाधाओं को डिटेक्ट करेगा। इसके बाद यह आर्डिन्हो के माध्यम से फोन या कार में लगी स्क्रीन पर सूचना भेजकर बताएगा कि कितनी दूरी पर बाधा (वाहन, आदमी, पेड़, पशु आदि) है। यही नहीं, आर्डिन्हो में की गई प्रोग्रामिंग के माध्यम से गाड़ी बाधा से निर्धारित दूरी (जैसे एक मीटर पहले) पर जाकर अपने आप ब्रेक लगा देगी। खास बात यह है कि बाधाओं को डिटेक्ट करने की निर्धारित रेंज को जरूरत के अनुसार घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
हवा से ही पता लगा लेगा एल्कोहल का लेवल
विद्यार्थियों अनीष, अंशुल और अतुल द्वारा गाइड डॉ. विनोद कुमार और प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर डॉ. विजयपाल के निर्देशन में बनाया है। उन्होंने बताया कि ड्राइवर की सीट के पास एक एल्कोहल सेंसर लगाया गया है, जो हवा से एल्कोहल का लेवल डिटेक्ट करेगा। निर्धारित मात्रा से ज्यादा एल्कोहल मिली तो यह सेंसर आर्डिन्हो को संकेत भेज देगा, जिससे गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी।
क्या है आर्डिन्हो
आर्डिन्हो एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां अलग-अलग तरह की प्रोग्राङ्क्षमग की जाती है। पूरा सिस्टम इसी से कनेक्ट होता है। इसे प्रोजेक्ट का ब्रेन माना जा सकता है। जो सभी तरह की चीजें कंट्रोल कर सकता है।
विद्यार्थियों के आइडिया को स्टार्ट-अप तक लेकर जाएंगे : कुलपति
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार का कहना हैै कि हमारे विद्यार्थी इनोवेटिव आइडिया को मूर्त रूप दे रहे हैं, यह अच्छी बात है। इसके लिए विद्यार्थी और युवा टीचर बधाई के पात्र हैं। इस प्रोजेक्ट को स्टार्ट अप तक ले जाने के लिए विद्यार्थियों को जगह, पैसे और संसाधनों की जरूरत होगी तो वो उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा। हमने अपना इनोवेशन सेंटर भी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग में ही स्थापित किया था और विद्यार्थियों से इनोवेटिव आइडिया लिए थे। इसका असर अब दिखने लगा है। विद्यार्थी भी प्रोत्साहित हो रहे हैं और टीचर भी उनके इनोवेटिव आइडियाज को सिरे चढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
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