सिरसा में गुरनाम चढूनी ने कहा- चुनाव तक किसान आंदोलन लड़ना पड़ा तो सरकार भी छीन लेंगे
चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों की शराफत का कमजोरी न समझे। सरकार बार बार लाठीचार्ज करवाकर कहती है हम हल्का लाठीचार्ज करवा रहे हैं। हम तो अपना हक मांग रहे हैं। केवल जिंदा रहने का हक। फिर वो हक भी हमसे छीनना चाहते हैं।
जागरण संवाददाता, सिरसा : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों की शराफत का कमजोरी न समझे। सरकार बार बार लाठीचार्ज करवाकर कहती है हम हल्का लाठीचार्ज करवा रहे हैं। हम तो अपना हक मांग रहे हैं। केवल जिंदा रहने का हक। फिर वो हक भी हमसे छीनना चाहते हैं। अभी लाठीचार्ज का आर्डर तुमने दिया है, ये आर्डर हमने दे दिया तो कोई बीजेपी, जेजेपी का बचेगा नहीं। हम रोक रहे हें, लड़ना नहीं चाहते। किसानों मजदूरों के बेटे ही देश की सरहद पर सैनिक के रूप में रक्षा कर रहे है।
उन्हाेंने कहा कि सब्र की एक हद होती है। वे चाहते हैं कि आंदोलन शांतिपूर्वक चले। अभी तो उन्होंने दिल्ली घेराव का ऐलान किया है, आगे मोदी के घर का घेराव करेंगे। केवल संयुक्त मोर्चा के आदेश का इंतजार है। अभी भी मोदी संभल जाए तो ठीक, गया वक्त वापस नहीं आता। किसान तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और वो भी पूरे देश के लिए।
किसान नेता चढूनी रविवार को सिरसा की अनाजमंडी में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चढूनी ने कहा कि किसानाें के इस आंदोलन से मजदूर, व्यापारी, युवा सभी जुड़ रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन महा आंदोलन न बन जाए। चुनाव तक अगर यह आंदोलन लड़ना पड़ गया तो सरकार भी छीन लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के जितने वोट चाहिए वो तो किसानों के घरों में है। यूपी, पंजाब, हरियाणा में लाखाें किसान मजदूर हैं। उन्होंने कहा कि अडानी अंबानी की प्रापटी छीन कर देश के मजदूर किसानों को बांट देंगे। उन्होंने कहा कि वे शांति बनाए रखना चाहते हैं और सरकार उन्हें मजबूर न करें।
इस सम्मेलन में डा. दर्शनपाल सिंह, जिलाध्यक्ष सिकंदर सिंह रोड़ी, जोगिंद्र सिंह उगरावा, अतुल अंजान, वीरेंद्र सिंह हुड्डा, कांता आलडिय़ा, सुमन हुड्डा, रूपिंद्र हांडा सहित अनेक किसान नेताओं ने कार्यक्रम को संबोधित किया।