सिरसा में गुरनाम चढूनी बोले- किसान आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, कब तक चलेगी नहीं बता सकते
गुरनाम चढूनी ने कहा हम आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह कब तक चलेगी वह नहीं बता सकते। प्रत्येक 32 सैकेंड में एक किसान आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने कहा 11 बैठकें हुई। जब एमएसपी गारंटी कानून बनाने की बात कही तो सरकार ने बात बंद कर दी।
डबवाली, जेएनएन। रविवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने खुइयांमलकाना टोल प्लाजा पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सत्तारूढ़ तथा आजाद विधायकों को गांव में न घुसने दें। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए किसानों को अक्ल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं।
यह कब तक चलेगी, वह नहीं बता सकते। प्रत्येक 32 सैकेंड में एक किसान आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि 11 बैठकें हुई। जब एमएसपी गारंटी कानून बनाने की बात कही तो सरकार ने बात करनी बंद कर दी। किसान पंचायत का आयोजन हरियाणा किसान एकता की ओर से किया गया था। किसान नेता चढूनी शाम करीब 3.30 बजे पंचायत में पहुंचे थे। वे करीब 21 मिनट तक मंच से बोले।
पंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलदेव सिंह सिरसा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में मारे गए युवा किसान नवरीत की मौत पुलिस की गोली से हुई थी। उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होते, तब तक वे घर वापसी नहीं करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के अभिमन्यु कोहाड़ ने भाजपा के साथ-साथ पूर्व की कांग्रेस सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अगर एमएसपी के मुताबिक सरकारों ने किसानों को फसलों का भाव दिया होता तो किसान 10 लाख करोड़ रुपये के कर्जदार नहीं होते। दोनों ही राजनीतिक दलों की सरकारों ने शोषण किया है। उन्होंने कहा कि खून से लिखा इतिहास स्याही से नहीं मिटने देंगे, बेच दिया होगा रेल-हवाई अड्डा, देश के किसान खेत नहीं बिकने देंगे।
पंजाब में रैलियां देख, दिल दुखता है
वाटर कैनन का मुंह मोड़ने वाले अंबाला के युवा किसान नवदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा में किसान सरकार की सभाएं तक नहीं होने दे रहे। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर तक नहीं उतरने दे रहे। दूसरी ओर पंजाब में सरेआम राजनीतिक रैलियां हो रही हैं जिन्हें देखकर दिल दुखता है। ऐसी रैलियों पर रोक लगनी चाहिए।
इन्होंने किया संबोधित, डलेवाल नहीं आए
किसान पंचायत में कलाकार राजा सिधू, प्रीत रंधावा, प्रीत जज, प्रीत औलख, जसवीर सिंह भाटी, राज रानी, मदन लाल खोथ, स्वर्ण सिंह विर्क, गुरप्रेम सिंह देसूजोधा, सुमन हुड्डा, गुरनाम सिंह झब्बर ने संबोधित किया। पंचायत में जगजीत सिंह डलेवाल ने आना था, लेकिन वे नहीं आए।