तू तू मैं मैं में खूनी खेल, पिस्तौल निकाली और मार दी गोली, दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया
हरियाणा में अपराध चरम पर है। एक ही रात में रोहतक भिवानी और झज्जर में गोलियां चलीं। जिसमें चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं तो एक व्यक्ति की मौत हो गई। झज्जर में सब्जी की ढुलाई करने वाले एक वाहन चालक ने दूसरे वाहन चालक को गोली मार दी
झज्जर, जेएनएन। हरियाणा में अपराध चरम पर है। एक ही रात में रोहतक, भिवानी और झज्जर में गोलियां चलीं। जिसमें चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं तो एक व्यक्ति की मौत हो गई। सोमवार रात को सब्जी मंडी में सब्जी की ढुलाई करने वाले एक वाहन चालक ने आपसी कहासुनी के चलते दूसरे वाहन चालक पर फायरिंग की दी। वहीं इस दौरान साथ में बैठा हुआ एक व्यापारी भी घायल हुआ है। जबकि, घटना के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया और घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में लाया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने वाहन चालक को मृत घोषित कर दिया। वहीं व्यापारी की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया। पुलिस भी मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई।
सिलानी गेट निवासी संजय ने बताया कि उसका उसका भतीजा सिलानी गेट निवासी 28 वर्षीय संदीप ने पिकअप खरीद रखा था। जो कि सब्जी मंडी में बाहर से सब्जियां लाने का काम करता था। सोमवार रात को सब्जी मंडी में सब्जियां लेकर आया और इसके बाद वहीं पर अन्य दो-तीन साथियों के साथ बैठ गया। इस दौरान संदीप व उसके साथ बैठे दूसरे वाहन चालक के बीच आपसी कहासुनी हो गई। कहासुनी इतनी बढ़ गई कि संदीप के साथ बैठे वाहन चालक ने पिस्तौल निकाली और सीधी संदीप को गोली मार दी। वहीं इसी दौरान व्यापारी (बाहर से सब्जी मंडी में सब्जियां लाकर आढ़तियों को बेचता है। खासकर टमाटर का व्यापार करता है।) छावनी मोहल्ला निवासी राकेश को भी गोली लगी है। जबकि, घटना को अंजाम देकर आरोपित मौके से फरार हो गया। दोनों घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित करके इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच आरंभ कर दी है। मृतक के स्वजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया
- संदीप के दो बच्चे है, बड़ा बेटा 5 वर्षीय हर्षित व छोटी बहन 3 वर्षीय हर्षिता। मासूम से उम्र में सिर से पिता का साया उठ गया है। एक तरफ परिवार को संदीप की मौत का दुख है तो दूसरी तरफ दोनों मासूमों के भविष्य की चिंता। हर किसी कि जुबान पर यही था कि अब इन मासूम बच्चों का क्या होगा। परिवार वाले बच्चों को भी संभालने में जुटे हैं। संदीप पिकअप में सब्जियां ढोहकर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहा था। लेकिन अब परिवार का सहारा भी छिन गया।