पेट्रोल पंप हत्या केस : सात दिन पहले ही पिता बना था कुलदीप, मातम में बदली खुशियां
चौधरीवाली गांव में पेट्रोल पंप पर मालिक ने पैसों के लेन-देने के चलते राहुल और कुलदीप पर गोलियां बरसाई और खुद को गोली मार ली। इसमें कुलदीप की मौत हो गई वहीं राहुल गंभीर घायल है।
हिसार, जेएनएन। एक सप्ताह पहले की बात है। कुलदीप के घर पर बेटे ने जन्म लिया था। परिवार और कुलदीप काफी खुश थे। दोस्तों के साथ फेसबुक पर बात शेयर भी की थी, मगर परिवार पर अब पहाड़ टूट गया है। बेटे के सात दिन होने के साथ उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। चौधरीवाली में पैसों के लेन देन में पेट्रोल पंप मालिक करण गोदारा ने कुलदीप की हत्या कर दी और खुद को भी गोली मार ली।
सदलपुर निवासी कुलदीप का आदमपुर में काम था। वह आदमपुर में टेंट हाउस की दुकान चलाता था और फाइनेंस का काम करता था। काम करते हुए करण के साथ उसका विवाद हो गया था। कुलदीप चार अक्टूबर को ही पिता बना था। उसने फेसबुक पर बेटे की पोस्ट की तो उसको खूब बधाइयां मिलीं। परिवार बेटे के जन्म पर खुशी मना रहा था। बेटे और परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा था। लेकिन बृहस्पतिवार को वह दोबारा काम पर गया तो उसके बाद नहीं लौटा। परिवार को नहीं पता था कि परिवार उसको दोबारा देख नहीं पाएगा। वहीं मृतक कुलदीप इकलौता बेटा था। उसकी दो बहने हैं। उसके पिता जमींदार हैं।
सब कुछ बर्बाद हो गया
परिवार में कुलदीप काफी खुशमिजाज था। वह सबको साथ लेकर चलता था। कभी करण गोदारा को उसके साथ नहीं देखा था। उसका क्या लेन देन था वह उनको नहीं पता। मृतक के ताऊ के बेटे राजेश ने दुख साझा करते हुए बताया कि सात दिन पहले कुलदीप पिता बना लेकिन हत्यारोपित ने सब उजाड़ दिया। सब खत्म हो गया। अब वह किसी को क्या कहें।
कर्ज तले दबा था करण
चौधरीवाली में पंप मालिक करण गोदारा भी लोगों से परेशान था। आए दिन कोई न कोई उसके पास पैसे के लिए पहुंच जाता था। परिचितों की मानें तो करण पर लाखों रुपये का कर्ज था। उसने काफी पेट्रोल पंप मालिक और अन्य लोगों से पैसा उधार लिया हुआ था। वह बीच-बीच में पैसा दे भी रहा था, लेकिन तेजी से पैसा नहीं दे पा रहा था। लोगों की तरफ से उससे पैसा मांगा गया, लेकिन वह उनको बाद में आने की बात कहता रहा।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने जताया दुख
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार सलेमगढ़ ने बताया कि करण पहले सिरसा रोड चुंगी स्थित एक पंप पर काम करता था। उसने सालों तक काम सीखा और बाद में अपना पंप लगाने की योजना बनाई। उसने गांव में अपना पंप लगा लिया। करीब छह साल से वह पंप चला रहा था। इस दौरान उसने काफी तरक्की की, लेकिन जो बृहस्पतिवार को हुआ वह काफी दुखद है।