इस तकनीक से की सब्जियों की खेती तो होंगे मालामाल, रोहतक में मोटा मुनाफा कमा रहे किसान
वर्ष 2018-19 में किसान केवल 20 एकड़ में बांस व तार पर घीया तोरी व टमाटर उगाते थे लेकिन वर्ष 2019-20 में बागवानी विभाग द्वारा इस तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया जिसके परिणामस्वरूप पैदावार व गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुई
रोहतक, जेएनएन। रोहतक जिले के किसान अब स्टेकिंग विधि से सब्जियों की खेती कर मुनाफा कमा रहे है। किसान जिला में बागवानी विभाग के प्रोत्साहन से बांस व तार लगाकर घीया, तोरी व टमाटर की सब्जी की खेती करने लगे हैं। वर्ष 2018-19 में किसान केवल 20 एकड़ में बांस व तार पर घीया, तोरी व टमाटर उगाते थे, लेकिन वर्ष 2019-20 में बागवानी विभाग द्वारा इस तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप पैदावार व गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुई तथा इस वर्ष 50 एकड़ भूमि में बांस-तार में सब्जी लगाई गई।
इस साल और बढ़ा स्टेकिंग विधि का रुझान
वर्ष 2021 में बांस-तार की तकनीक की ओर किसानों का रूझान ओर बढ़ा तथा किसानों द्वारा लगभग 50 हेक्टेयर में बांस-तार के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई की तकनीक को अपनाया गया। किसानों का बागवानी विभाग की ओर से अनुदान राशि भी दी गई तथा किसानों द्वारा हाईब्रिड बीज खरीदने पर डीबीटी के माध्यम से उन्हें सहायता प्रदान की गई। एससीएसपी योजना में अनुसूचित जाति के किसानों को बांस-तार पर अनुदान दिया गया। मोबाइल वैन के लिए 6 लाख 99 हजार 300 रुपये का अनुदान वितरित किया गया ताकि किसान अपनी फसल को मंडी या दूसरे क्षेत्रों में आसानी से बेच सके।
स्टेकिंग विधि को इस प्रकार समझिए
स्टेकिंग विधि से किसी भी सब्जी की खेती करने के लिए बांस के डंडे, लोहे के पतले तार और सुतली की आवश्यकता होती है। पहले सब्जी के पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है। इसमें तीन सप्ताह का समय लगता है। इस दौरान खेत में चार से छह फीट की दूरी पर मेड़ तैयार की जाती है। स्टेकिंग में बांस के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है, जिस पर लताएं फैलती जाती हैं।
बागवानी के लिए मिलता है अनुदान
बागवानी विभाग की ओर से बागवानी कार्य के लिए 2020-21 में अन्य योजना के तहत किसानों को लगभग 70 हेक्टेयर में लगाये गये नए व पुराने बागों के रख-रखाव के लिए अनुदान प्रदान किया गया। बागवानी किसानों को 21 टैक्ट्रर, 10 पॉवर टिलर, 12 वेंडिंग कार्ट, 11 पैक हाऊस, 6 प्याज भंडारण, 42 स्प्रे पंप पर अनुदान दिया गया। इसके अलावा अनुसूचित जाति के तीन किसानों को नेट हाऊस के लिए 65 प्रतिशत अनुदान दिया गया एवं नेट हाऊस में पहली बार फसल के लिए इन किसानों को 70 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से अनुदान प्रदान किया गया। इस योजना में मधुमक्खी पालन के लिए भी 12 किसानों को अनुदान दिया गया।