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गजब कारनामा : चैंपियन बेटियों के बास्‍केटबॉल कोर्ट बनवाने को भेजी ग्रांट, 3 साल से कागजों में अटकी

हिसार खेल विभाग ने ग्रांट 23 अगस्त 2017 को नगर निगम हिसार को भेजकर बॉस्केटबॉल कोर्ट बनाने के लिए कहा। निगम उसका नक्शा तक पास नहीं करवाया पाया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 01:23 PM (IST)
गजब कारनामा : चैंपियन बेटियों के बास्‍केटबॉल कोर्ट बनवाने को भेजी ग्रांट, 3 साल से कागजों में अटकी

हिसार, जेएनएन। केंद्र सरकार एक तरफ वर्ष 2024 और वर्ष 2028 के ओलंपिक के लिए बेहतरीन खेल प्रतिभाओं को तलाशने में जुटी है। वहीं दूसरी प्रदेश सरकार ने चैंपियन बेटियों को नए बास्केटबॉल कोर्ट निर्माण के लिए 36 लाख 41 हजार रुपये की ग्रांट जारी कर उन्हें तोहफा दिया। सरकार की ओर से जारी ग्रांट ने बेटियों को नए कोर्ट का सपना दिखाया लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ। कारण है कि खेल विभाग ने ग्रांट 23 अगस्त 2017 को नगर निगम हिसार को भेजकर बॉस्केटबॉल कोर्ट बनाने के लिए कहा।

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निगम उसका नक्शा तक पास नहीं करवाया पाया है। हालात ये हैं कि चैंपियन खिलाड़ी पुराने क्षतिग्रस्त बास्केटबॉल कोर्ट पर ही खेल अभ्यास करने को विवश है। बास्केटबॉल खिलाडिय़ों की इस स्थिति को देखते हुए खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी (डीएसओ) कृष्ण कुमार ढांडा ने अब मुख्यालय में संपर्क कर नक्शे के कारण अटके प्रपोजल को सिरे चढ़ाने के लिए प्रयास शुरु किए है।

खेल विभाग के अनुसार नगर निगम की ओर से खेल विभाग को भेजे गए बास्केटबॉल ङ्क्षसथेटिक कोर्ट और एससी हॉस्टल का नक्शा एक साथ भेजा गया। वह भी एक ही पेज पर तैयार हुआ। जिसके कारण मुख्यालय स्तर पर कुछ तालमेल के अभाव में बास्केटबॉल का नक्शा फाइल में ही अटक गया। नगर निगम प्रशासन ने फिर उसे सिरे चढ़ाने के लिए प्रयास नहीं किए ऐसे में तीन साल से निगम को भेजी गई ग्रांट कागजों में ही अटकी है। उधर बरसात में ग्राउंड पर जलभराव के कारण बास्केटबॉल खिलाड़ी जब खेल अभ्यास से वंचित हो गए तो उनकी परेशानी को देखते हुए डीएसओ ने जब मुख्यालय में संपर्क किया तो बास्केटबॉल कोर्ट नहीं बनने का सच पता चला। उन्होंने मामले में संज्ञान लिया है अब खिलाडिय़ों को कोर्ट बनने की उम्मीद जागी है।

तीन साल से बेटियां चैंपियन, प्रतिदिन 50 खिलाड़ी करते है खेल अभ्यास

प्रदेश की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता खेल महाकुंभ में सीनियर वर्ग में महिला बास्केटबॉल टीम तीन बार की स्टेट चैंपियन है। बात पुरूष वर्ग की करे तो वे भी तीन बार में हर बार टॉप थ्री में रहे है। प्रतिदिन महिला व पुरुष वर्ग की टीमों के करीब 50 बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रतिदिन खेल अभ्यास के लिए आते है। कोविड के कारण उनकी संख्या में कमी अवश्य आ आई है। यहीं नहीं हिसार के बास्केटबॉल कोर्ट पर खेलकर हिसार के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके है।

---बास्केटबॉल कोर्ट की स्थिति खराब है। बारिश में तो खिलाडिय़ों को काफी परेशानी होती है। 3 साल पहले निगम को करीब साढ़े 36 लाख रुपये की ग्रांट जारी की थी। अभी तक नक्शा फाइनल नहीं हुआ है। इसके कारण बास्केबॉल कोर्ट से लेकर एससी हॉस्टल तक का कार्य अटका हुआ है। प्रयास कर रहा हूं कि दोनों प्रपोजल जल्द सिरे चढ़ाए जाए, ताकि खिलाडिय़ों को बेहतर खेल सुविधाएं मिल सके।

- कृष्ण कुमार ढांडा, डीएसओ, हिसार।


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