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ओवरलोड वाहन चालाकों का एक ऐसा खबरी, जो एमवीओ की भेजता था लोकेशन, जानें मामला

रोहतक पुलिस को दी गई शिकायत में मोटर व्हीकल आफिसर निरीक्षक लायकराम ने बताया कि उनकी ड्यूटी कामार्शियल वाहन चेक करने की है। इसके लिए सरकारी बुलेरो गाड़ी मिली हुई है। जिस पर टीएसआइ विष्णुदत्त चालक है। कुछ दिनों से जहां पर भी उनकी टीम चेकिंग के लिए जाती थी।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 01:12 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 01:12 PM (IST)
ओवरलोड वाहन चालाकों का एक ऐसा खबरी, जो एमवीओ की भेजता था लोकेशन, जानें मामला
अधिकारी की गाड़ी की लोकशन पाने लगा दिया जीपीएस।

रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक में आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) कार्यालय में तैनात एमवीओ (मोटर व्हीकल आफिसर) की सरकारी गाड़ी में जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम लगाकर लोकेशन ट्रेस करने का बड़ा मामला सामने आया है। जिसके माध्यम से चेकिंग पर पहुंचने से पहले टीम की लोकेशन ट्रेस हो जाती थी और वाहन चालक वहां से निकल जाते थे। मामला पकड़ में आने के बाद अब मोटर व्हीकल आफिसर की तरफ से शिवाजी कालोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 

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पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार

पुलिस को दी गई शिकायत में मोटर व्हीकल आफिसर निरीक्षक लायकराम ने बताया कि उनकी ड्यूटी कामार्शियल वाहन चेक करने की है। इसके लिए सरकारी बुलेरो गाड़ी मिली हुई है। जिस पर टीएसआइ विष्णुदत्त चालक है। पिछले कुछ दिनों से जहां पर भी उनकी टीम चेकिंग के लिए जाती थी वहां कोई भी वाहन नहीं मिलता था। टीम के पहुंचने से पहले ही वाहन बचकर निकल जाते थे। लगातार इस तरह का मामला सामने आने के बाद उन्हें शक हुआ कि उनकी लोकेशन तो ट्रेस नहीं की जा रही।

एमवीओ की सरकारी गाड़ी में लगाया जीपीएस सिस्टम, लोकेशन हो रही थी ट्रेस 

इसके बाद उन्होंने चालक विष्णुदत्त के माध्यम से गाड़ी को मैकेनिक के यहां ले जाकर चेक कराया। जिसमें पता चला कि गाड़ी की छत पर लगी लाइट के पास एक जीपीएस ट्रेकिंग ट्रमिनल सिस्टम लगा हुआ है, जिसमें वोडाफोन कंपनी का एक सिम भी मिला। जांच में पता चला कि किसी व्यक्ति ने लोकेशन ट्रेस करने के लिए यह जीपीएस सिस्टम गाड़ी में लगा रखा था। जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ है। फिलहाल जीपीएस में मिले सिम को जांच के लिए साइबर सेल में भेजा गया है। जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश होगा। शिवाजी कालोनी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि आरटीए टीम की लोकेशन ट्रेस होने का इस तरह का पहला मामला सामने आया है, जिसमें सरकारी गाड़ी में ही जीपीएस सिस्टम लगा दिया गया। 

टीम से भी नहीं किया शेयर, फिर भी लोकेशन हुई ट्रेस 

जिस समय मोटर व्हीकल आफिसर को शक हुआ तो उन्होंने कई बार चेकिंग के स्थान को अपनी टीम से भी शेयर नहीं किया। फिर भी उनकी लोकेशन ट्रेस हो जाती थी। तब जाकर उन्हें गाड़ी में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के होने का शक हुआ। 

अधिकारी के अनुसार

सरकारी गाड़ी में किसी ने जीपीएस सिस्टम लगा रखा था। पुलिस में मामला दर्ज करा दिया गया है। अपने स्तर पर भी मामले की जांच की जा रही है। जो भी इसमें शामिल होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी। 

---- डा. संदीप गोयत, आरटीए सचिव रोहतक।


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