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निजी और स्‍कूल बसों को मिला अस्‍थाई परमिट, एक के बाद एक जारी हो रहे नोटिस

जनता की राहत के लिए सरकार ने प्राइवेट बसों को दिया अस्‍थाई परमिट, रोडवेज बसों के रूट पर चलेंगी बसें, भर्ती को लेकर भी प्रक्रिया शुरू नोटिस से बनी हुई है असमंजस

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 01:32 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 01:32 PM (IST)
निजी और स्‍कूल बसों को मिला अस्‍थाई परमिट, एक के बाद एक जारी हो रहे नोटिस
निजी और स्‍कूल बसों को मिला अस्‍थाई परमिट, एक के बाद एक जारी हो रहे नोटिस

जेएनएन, हिसार। रोडवेज बसों का चक्‍का जाम चौथे दिन भी जारी रहा। वहीं सरकार ने इससे पार पाने के लिए नए पैतरे अपनाने शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार को राेडवेज विभाग की ओर से सरकार के निर्देशानुसार बस स्‍टैंड के बूथों पर निजी बसों को लगाया गया। वहीं निजी बसों पर नोटिस लगा दिया गया कि रोडवेज बसों की तरह की किराया लिया जाएगा। वहीं बसों में टिकटें भी रोडवेज की ही दी गई। इसके अलावा चालक और परिचालक भर्ती को लेकर भी चौथे दिन युवाओं की भीड़ जुटी रही अौर युवाओं के चलते हालात न बिगड़े इसके लिए मौके पर पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात रहे। अब अगर हड़ताल नहीं खुलती है तो सरकार निजी बसों पर ही आधारित रहेगी और ऐसे में पूरी नहीं लेकिन जनता को हल्‍की राहत जरूर मिलेगी।

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हरियाणा के बार्डर तक जाएंगी निजी बसें

नए नियमानुसार निजी बसों को सरकार की ओर से अस्‍थाई परमिट दिया गया है। वहीं टिकटों के नियम भी रोडवेज महकमे के अनुसार ही लागू होंगे। ये बसें हरियाणा बॉर्डर तक जाएंगी। ऐसे में जनता को इससे राहत मिलने वाली है।

पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में चलवाई बसें

शुक्रवार को लोकल रूटों की बसों को भी बढ़ाया गया और हांसी की ओर जाने वाली निजी बसों को विभिन्‍न रूटों पर चलाया। वहीं गुरुवार को जहां टीएम की तबीयत बिगडऩे के कारण निजी रूटों पर बसें चलाने की जिम्मेदारी अन्य अधिकारियों ने संभाली और 50 से ज्यादा बसों के फेरे लगवाए। रोडवेज प्रशासन ने सरकार के विशेष आदेशों पर लगाए गए एप्रेंटिक्स को कंडक्टर की जिम्मेदारी थमाई। अधिकारियों के अनुसार 80 के करीब एप्रेंटिक्स रोडवेज प्रशासन के पास है।

इन रूटों पर चली बसें

अग्रोहा, आदमपुर, भूना, सिवानी, नहला पाबड़ा, बरवाला, हांसी, तोशाम आदि रूटों पर दिन भर बसें चलती रहीं। रोडवेज प्रशासन ने वीडियोग्रॉफी और फोटो ग्रॉफी के साथ बसों को चलवाया। वहीं शुक्रवार को लोकल रूटों की संख्‍या और भी बढ़ा दी गई, निजी और स्‍कूल बसें मिलने से काफी आसानी हुई।

भर्ती को लेकर एक के बाद एक नोटिस जारी

चालक और प‍रिचालक की सरकारी भर्ती को लेकर विभाग एक के बाद एक नोटिस जारी कर रहा है। सरकार द्वारा भर्ती किए जाने की घोषणा के बाद ही बुधवार की रात बेरोजगार युवा बस स्‍टैंड पर पहुंच गए थे। अब तक ये सिलसिला जारी है और युवाओं की संख्‍या बढ़ रही है।  बुधवार की रात रोडवेज महाप्रबंधक ने कार्यालय के बाहर नोटिस चस्‍पा किया कि किसी प्रकार की भर्ती नहीं हो रही है। वहीं गुरुवार को भी फर्जी फार्म बिकने का मामला उजागर हुआ। अब शुक्रवार की सुबह विभाग ने नोटिस और चस्‍पा किया कि भर्ती नहीं हो रही है तो उसके बाद एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि वेबसाइट से डाउनलोड किया गया भर्ती फार्म नमूना लाने पर ही आवेदक का आवेदन स्‍वीकार्य होगा। ऐसे में युवा असमंजस की स्थिति में बने हुए हैं।

मुख्‍यमंत्री का फूंका पुतला

रोडवेज कर्मियों की मांगों को सही ठहराते हुए गुरुवार को कई कर्मचारी संगठनों ने अपना समर्थन रोडवेज कर्मचारी नेताओं को दिया। इसी क्रम में नागोरी गेट पर स्‍वास्‍थ्‍य, बिजली, जन स्‍वास्‍थ्‍य विभाग व अन्‍य कई विभागों के कर्मचा‍री नेताओं ने सीएम का पुतला फूंका।

 सरकार का अडियल रवैया रोडवेज विभाग को करेगा बर्बाद : सहगल

अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने कहा कि हरियाणा रोडवेज विभाग में 4100 बसों का चक्का तीसरे दिन बंद रही। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों के सभी संगठनों की तालमेल कमेटी एकमात्र मुख्य मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत 720 प्राइवेट बसों को चलाने के फैसले को रद्द किया जाए व नई बसों को रोडवेज बेड़े में शामिल किया जाए। एमएल सहगल ने कहा कि तालमेल कमेटी के नेता बार-बार बातचीत द्वारा समाधान करने की अपील कर रहे हैं कि मंत्रिमंडल अपनी हठधर्मिता से रोडवेज विभाग को बर्बाद करने को लेकर अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है।

सरकार रवैया नहीं बदला तो होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल

कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा, राजपाल नैन, रमेश सैनी, राम सिंह बिश्नोई, अरूण शर्मा, सतपाल डाबला, रमेश माल व पवन बूरा ने कहा कि रोडवेज विभाग को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे कर्मचारियों पर राज्य सरकार जिस प्रकार से तानाशाही दिखा रही है और कार्यवाही कर रही है। सरकार को आम जनता की नहीं अपितु पूंजिपतियों के हितों की ङ्क्षचता है। हड़ताल को विफल करने के लिए सरकार व प्रशासन हर हथकंडा अपना रहे हैं। सरकार कर्मचारियों की एकता को तोडऩे में विफल साबित हुई है।


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