निगम का आदेश : सरकारी व गैर सरकारी बल्क गारबेज जनरेटर्स को गीले कचरे का स्वयं करना होगा निपटान
जागरण संवाददाता हिसार बल्क गारबेज जनरेट करने वाले शहर के सरकारी व गैर सरकारी
जागरण संवाददाता, हिसार : बल्क गारबेज जनरेट करने वाले शहर के सरकारी व गैर सरकारी संस्थान को अपने गीले कचरे का स्वयं निपटान करना होगा। ये संस्थान अपने गीले कचरे से खाद तैयार करेंगे। नगर निगम कमिश्नर अशोक गर्ग ने मंगलवार को निगम सभागार में हुई बैठक में मौजूद अफसरों को गीले कचरे के निपटान के संबंध में लिए फैसले से अवगत करवाया। साथ ही निगम सीमा में मौजूद गैर सरकारी व सरकारी संस्थाओं के अफसरों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के बारे में बताते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से अवगत करवाया। उन्हें बताया कि बल्क गारबेज जनरेटर्स को अपने गीले कचरे का स्वयं निपटान करना होगा। इसके लिए एनजीटी की ओर से भी जारी दिशा निर्देश से अफसरों को अवगत करवाया गया। नगर निगम कमिश्नर अशोक गर्ग की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में चीफ इंजीनियर रामजीलाल, ईओ अमन ढांडा, एसएमओ डा मुकेश, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) से डा. राजीव कुमार, एक्सईएन रघुबीर सिंह, मार्केटिग बोर्ड से असिस्टेंट सेक्रेटरी भारत शर्मा, एसडीओ कर्ण सिहाग, ट्रैफिक पुलिस से सुखदेव, हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एचएयू) से डा. अजीत सिंह, जिदल ग्रुप से ललित कुमार, विजय सिंह, डीसीएम मिल से नितिन मेहता व सुरेश कुमार, सीएसआइ सुभाष व देवेंद्र बिश्नोई मौजूद रहे।
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निगम के कंपोष्टिग प्लांट से अफसरों को दी जानकारी
निगम कमिश्नर ने निगम सभागार में हुई बैठक में मौजूद अफसरों को निगम की ओर से शहर में चल रहे पांच कंपोष्टिग प्लांट के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया कि तोशाम रोड पर महात्मा गांधी अस्तपाल के नजदीक, क्रांतिमान पार्क, सेक्टर 14, मधुबन पार्क और सातरोड में निगम के प्लांट है। जहां पर घरों व दुकानों से आने वाले गीले कचरे से खाद बनाई जाती है। एचएयू ने खाद की जांच करने के उपरांत उसे बाजारों में मिलने वाली खाद से बेहतर बताया। सभी बल्क गारबेज जनरेटर से उम्मीद है कि जल्द से जल्द वह अपने यहां पर कंपोष्ट प्लांट शुरू करें। एचएयू, जीजेयू, जिदल ग्रुप व डीसीएम मिल के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अपने अपने एरिया में कंपोष्ट प्लांट के तहत कार्य शुरू कर दिया है। डोर टू डोर जाकर लोगों को समझाया, जिसके बाद लोग कूड़ा सेग्रीगेट करने लगे है।
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50 किलोग्राम प्रतिदिन से अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों को लगाना होगा प्लांट
निगम कमिश्नर ने मीटिग में कहा कि एनजीटी के आदेश है कि 50 किलोग्राम प्रतिदिन से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थान बल्क गारबेज जनरेटर की सूची में आते है। उन्हें एरिया का कूड़े का निपटान स्वयं करना होगा। एनजीटी की ओर से ऐसा नहीं करने वाले संस्थानों पर भारी भरकम जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। बरलावा, फरीदाबाद, डबवाली आदि म्युनिसिपिलिटी को लाखों रूपये का जुर्माना लगाया गया है।
चीफ इंजीनियर रामजीलाल ने बताया कि हमारी ओर से निरंतर बल्क वेस्ट जनरेटर के साथ बातचीत की जा रही है। कुछ विभागों ने अपने यहां पर कंपोष्ट प्लांट लगाकर कचरा निष्तारण का कार्य शुरू कर दी है। जबकि कई विभागों ने कोई कार्य नहीं किया है।
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ये भी जानें : ये भी जाने : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के अंतर्गत अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों को कचरा डिस्पोज ऑफ स्वयं करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर जुर्माना या दंड दोनों का प्रावधान है। साथ ही निगम इन संस्थानों को सील भी कर सकता है। इसके अलावा दोषी पर एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के चैप्टर 3 सेक्शन 15 के तहत 1 लाख तक जुर्माना और पांच साल की कैद की सजा भी हो सकती है।
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वर्जन :
बल्क गारबेज जनरेटर को एनजीटी के आदेश के बारे में अवगत करवाया गया है। साथ ही उन्हें कहा गया है कि वे गीले कचरे का अपने स्तर पर खाद तैयार कर निपटान करे। साथ ही उनसे आग्रह किया गया है कि शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने में अपना सहयोग दे।
- अशोक गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।