चाचा की राह पर भतीजी का गोल्डन पंच, गांव में खुशी की लहर
तीन बार के ओलंपियन विकास यादव कृष्ण की भतीजी प्रांजल सिघवा भी दिखा रहीं दम।
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सुनील मान, नारनौंद
तीन बार के ओलंपियन विकास यादव कृष्ण की भतीजी प्रांजल सिघवा अपने चाचा से प्रभावित होकर दस वर्ष की आयु में ही बाक्सिग ग्लब्ज पहन लिए थे। प्रांजल ने दुबई में एशियन यूथ एवं जूनियर बाक्सिग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर गांव का नाम इतिहास के पन्नों में लिख दिया है। गांव की इस बेटी की उपलब्धि से पूरा गांव उत्साहित है और बेटी का गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत करने की तैयारी में ग्रामीण जुट गए हैं।
सिघवा खास निवासी 16 वर्षीय प्रांजल सिघवा ने 17 से 31 अगस्त तक दुबई में आयोजित एशियन यूथ एवं जूनियर बाक्सिग चैंपियनशिप में अपनी प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को 4-1 से हराकर जीत हासिल कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। जैसे ही उसने गोल्ड मेडल जीता तो सिघवा खास गांव के इतिहास में एक पन्ना और जुड़ गया 2012 में एशियन चैंपियनशिप में विकास कृष्ण यादव ने गोल्ड मेडल जीतकर इस गांव का नाम रोशन किया था।वो तीन बार ओलंपिक में भी खेल चुके हैं। प्रांजल सिघवा उस समय मात्र सात वर्ष की थी। उन्होंने सोच लिया था कि वह भी अपने चाचा की तरह एक दिन बॉक्सर बनकर देश का नाम रोशन करेंगी। उन्होंने अपनी सोच को जुनून में बदला और अपने पिता संदीप को अपने सपने के बारे में बता दिया। पिता संदीप फिलहाल हरियाणा पुलिस में पंचकूला में सीआईडी में एएसआई के पद पर तैनात हैं। पिता ने बेटी के सपने पूरे करने के लिए घर में ही बॉक्सिग की किट लाकर दी थी और वह खुद ही उनका अभ्यास करवाने लगे थे। उस समय वो महम थाने में तैनात थे। 2016 में उनके पिता संदीप का तबादला पंचकूला हो गया और वह अपने परिवार सहित पंचकूला में शिफ्ट हो गई और प्रांजल को अभ्यास करने के लिए ताऊ देवीलाल खेल नर्सरी में भेजा जाने लगा। वहां पर उनके कोच वीरेंद्र डांगी ने उनका खूब अभ्यास करवाया। प्रांजल की मेहनत कुछ समय बाद ही रंग लाने लगी। और वह हर प्रतियोगिता में अपना गोल्डन पंच लगाने लगी। युवा ग्रामीण वेलफेयर सोसाइटी सिघवा खास के अध्यक्ष डा अशोक ने बताया कि जैसे ही प्रांजल दुबई से वतन को लोटेंगी उनका गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा।
पिछले चार साल से प्रांजल सिघवा लगातार गोल्डन पंच लगाकर नाम रोशन कर रही है। स्कूल नेशनल और नेशनल चैंपियनशिप में 2017 से लगातार स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल
चैंपियन बनती आई है। इसके अलावा खेलो इंडिया में भी दो बार रजत और एक बार कांस्य पदक जीत चुकी है। प्रदेश सरकार ने प्रांजल को इन खेलों के आधार पर पांच लाख का नगद इनाम भी दे चुकी हैं। प्रांजल का अगला लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का है। दो महीने पहले प्रांजल रोहतक की नेशनल बाक्सिग अकादमी में परीक्षण प्राप्त कर रही थी उनकी कोच अमनप्रीत ने उनको ऐसी ट्रेनिग दी उन्होंने दुबई में आयोजित चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया। अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व कोच वीरेंद्र दांगी व अमनप्रीत को देती हैं।