आयुष्मान आपके द्वार अभियान चलाकर हिसार में फ्री बनाए जायेंगे गोल्डन कार्ड
गोल्डन कार्ड बनाने की संख्या में तेजी लाने के लिए सरकार आशा वर्कर सीएससी पीएचसी सीएचसी अस्पताल सहित अनेक प्रयास कर आमजन को गोल्डन कार्ड बनवाने को प्रेरित कर रही है। पूरे जिले में आयुष्मान भारत पखवाड़ा चलाया गया है।
बालसमंद [रवि घोड़ेला] जिलेभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाने के लिए सरकार प्रयासरत है। गोल्डन कार्ड बनाने की संख्या में तेजी लाने के लिए सरकार आशा वर्कर, सीएससी, पीएचसी, सीएचसी, अस्पताल सहित अनेक प्रयास कर आमजन को गोल्डन कार्ड बनवाने को प्रेरित कर रही है। पूरे जिले में आयुष्मान भारत पखवाड़ा चलाया गया है। इस पखवाड़े में आशा वर्कर घर घर जाकर लाभार्थी को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करेगी। सभी सीएससी संचालको को अधिक से अधिक गोल्डन कार्ड बनाने के आदेश जारी कर दिए गए है।
सीएससी डीएम विकास वर्मा ने बताया कि जिले भर के सीएससी संचालको को कार्ड बनाने के आदेश दिए गए है। सभी गांवों की पेंडिंग लिस्ट सीएससी सेंटर पर उपलब्ध है। योजना के तहत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने और चिकित्सा सुविधा हासिल करने पर एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ा। इस योजना के तहत गरीब व्यक्ति हार्ट सर्जरी, मोतियाबिंद सहित काफी गंभीर बिमारियों का इलाज करवा सकते है।
सीएससी प्रबन्धक ने बताया कि जिले के सभी गांवों में स्थित सीएससी केंद्रो से विशेष अभियान चलाया गया है इस अभियान में सरपंच आशा वर्कर की सहायता से जागरूकता अभियान चलाकर गोल्डन कार्ड की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। आयुष्मान भारत योजना में अब तक जो लोग शामिल है उनका चयन वर्ष 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पर किया गया था। अब भी काफी बीपीएल परिवार ऐसे है जो आज भी इस योजना से वंचित है। इसके अलावा काफी विधवा महिला, हैंडीकैपेड लोग और अन्य जरूरतमंद लोग अब भी योजना से वंचित है।
60 % लाभार्थियों ने नहीं बनवाये गोल्डन कार्ड
हिसार जिले के कुल 4 लाख 64 हज़ार 852 सदस्य आयुष्मान योजना के बीमा के लाभ के दायरे में आते हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के कुल 3 लाख 11 हज़ार 881 लोग और शहरी क्षेत्र के 1 लाख 52 हज़ार 971 लोगो को इस योजना में शामिल किया गया है। अभी तक जिलेभर से करीब 1 लाख 90 हजार गोल्डन कार्ड बन पाए है। प्रत्येक चयनित परिवार को पांच लाख रुपये तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए जिले के 50 से अधिक सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल अधिकृत हैं।