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कोरोना को देखते हुए जीजेयू ने संबंधित कालेजों की 27 जनवरी से होने वाली परीक्षा की स्थगित

गुरु जंभेश्वर तकनीक एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन ने जीजेयू के अंतर्गत आने वाले संबंधित कालेजों की 27 जनवरी से शुरू होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी है। अभी कोई अगली तिथि निर्धारित नहीं की है। कालेजों में विद्यार्थी अधिक होते है जबकि कालेज परिसर में जगह कम।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 01:46 PM (IST)
कोरोना को देखते हुए जीजेयू ने संबंधित कालेजों की 27 जनवरी से होने वाली परीक्षा की स्थगित
कालेजों में विद्यार्थी अधिक होने से कोरोना नियमों की पालना होना मुश्किल, इस लिए स्‍थगित की परीक्षाएं

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार जिले में कोरोना महामारी को देखते हुए गुरु जंभेश्वर तकनीक एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन ने जीजेयू के अंतर्गत आने वाले संबंधित कालेजों की 27 जनवरी से शुरू होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी है। अभी कोई अगली तिथि निर्धारित नहीं की है। कालेजों में विद्यार्थी अधिक होते है, जबकि कालेज परिसर में जगह कम। ऐसे में कोरोना नियमों का पालन होना मुश्किल होगा। इसके चलते परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है। वरना परीक्षा 27 जनवरी से शुरू होनी थी।

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अभी राहत की बात यह है कि गुजवि के विद्यार्थियों की परीक्षाएं स्थगित नहीं हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जीजेयू में अलग-अलग ब्लाक बनाए हुए है, जिससे जगह काफी है। ऐसे में कोरोना नियमों का पालन हो सकता है और आसानी से परीक्षा करवाई जा सकती है। अभी जीजेयू छात्रों की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला नहीं लिया गया है। अगर कोरोना केस बढ़े तो यह परीक्षा स्थगित भी हो सकती है। कोरोना के चलते कालेज, विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थान पहले ही बंद हो चुके है। विद्यार्थियों की आनलाइन क्लासें चल रही है। विद्यार्थियों को परीक्षा आफलाइन होने की उम्मीदें थी, जिन पर कोराेना का असर पड़ सकता है।

शहर में छह कालेज

शहर में छह कालेज है, जो जीजेयू के अंतर्गत आते है। इनमें दयानंद महाविद्यालय, राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय, सेठ छाजुराम मेमोरियल जाट महाविद्यालय, फतेहचंद महाविद्यालय, राजकीय महिला महाविद्यालय, इंपीरियल महाविद्यालय शामिल है। जिलेभर से करीब 24 महाविद्यालय जीजेयू के अंतर्गत आते है।

आनलाइन परीक्षा से यूएमसी का डर

कोरोना की पहली, दूसरी लहर में भी परीक्षाएं स्थगित हो चुकी है। उन दिनों आनलाइन ही परीक्षाएं करवाई गई थी। अब तीसरी लहर में भी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है। ऐसे में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मगर विद्यार्थी आनलाइन परीक्षा से डरते है, क्योंकि उसमें यूएमसी बनने का भय रहता है। आनलाइन से पेपर देते समय जरा सी नजर घूमाते या हरकत करने पर अध्यापक नोट कर लेता है और यूएमसी बना दी जाती है। अध्यापक काे छात्र पर नकल करने का शक होता है।


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