एक साल में ही एमबीए करवाने वाली देश की पहली यूनिवर्सिटी बनी जीजेयू, इन्हें मिलेगा लाभ
ग्रेजुएशन के साथ सीए पास विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा भी नहीं देनी होगी। उनका दाखिला एमबीए लेटरल एंट्री के तहत सीधा द्वितीय वर्ष में होगा।
हिसार [संदीप बिश्नोई] ग्रेजुएशन और सीए करने के बाद विद्यार्थी अपनी प्रबंधकीय स्किलस बढ़ाने के लिए एक वर्ष की एमबीए कर सकेंगे। प्रदेश के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग ने इन विद्यार्थियों के लिए विशेष छूट दी है। यही नहीं, ग्रेजुएशन के साथ सीए पास विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा भी नहीं देनी होगी। उनका दाखिला एमबीए लेटरल एंट्री के तहत सीधा द्वितीय वर्ष में होगा। दूरस्थ शिक्षा विभाग में इस कोर्स का कोड 10 रखा गया है।
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के डिस्टेंस विभाग के निदेशक डा. एमके गर्ग ने बताया कि ग्रेजुएशन और सीए दोनों कोर्स किए हुए विद्यार्थियों को दो वर्ष की एमबीए करनी पड़ती है। हमने देखा है कि एमबीए से संबंधित कई सारी चीजें वे अलग-अलग कोर्सों में पढ़ चुके होते हैं। हमने काफी सोच-समझ कर नया कोर्स शुरु किया है। हमारा विश्वविद्यालय संभवत देश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय होगा।
जो ग्रेजुएशन के साथ सीए करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स शुरु करने जा रहा है। ऐसे विद्यार्थियों में से जो प्रबंधकीय तकनीक व कौशल सीखना चाहते हैं या जिनका उद्देश्य कार्पाेरेट सेक्टर में मैनेजमेंट के अच्छे पदों पर काम करना चाहते हैं, उनको इस कोर्स का लाभ होगा।
31 अगस्त तक कर सकेंगे आवेदन
विश्वविद्यालय में डिस्टेंस के सभी कोर्सों में दाखिला प्रक्रिया शुरु हो गई है। विद्यार्थी डिस्टेंस विभाग में अंडर ग्रेजुएट में चार, पोस्टग्रेजुएट में पांच और 13 डिप्लोमा कोर्सों में दाखिला ले सकेंगे। इन कोर्सों में बीए, बीबीए, बीकॉम, बीए मॉस कम्यूनिकेशन, एमए मॉस कम्यूनिकेशन, एमएससी कंप्यूटर साइंस, एमएससी मैथ, एमबीए, एमसीए के अलावा पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर साइंस, एन्वायरमेंटल मैनेजमेंट, टेक्सासेशन, एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन, बेकरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, काउंसलिंग एंड बिहेवियर मोडिफिकेशन, इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन फाइनेंसियल मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, एनवायरमेंटल लॉ, इंटरनेशनल बिजनेस, प्रोडक्शन एंड ओपरेशनल मैनेजमेंट और पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में में दाखिला लिया जा सकेगा।
--सीए करने वाले विद्यार्थियों के पास रेगुलर या डिस्टेंस से भी दो वर्ष की एमबीए करने का समय नहीं होता। दूसरा, वे बहुत सा सिलेबस अपनी दोनों डिग्रीयों के दौरान पढ़ चुके होते हैं। इसी के मद्देनजर हमने एक कमेटी बनाई, जिसमें ग्रेजुएशन और सीए दोनों कोर्स कर चुके विद्यार्थियों के लिए एक वर्षीय एमबीए कोर्स शुरु करने की सिफारिश की गई। ऐसे विद्यार्थियों के लिए प्रबंधकिय स्किलस बढ़ाने के लिए यह अच्छा अवसर है।
- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, गुजवि हिसार।