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बेटियों के नाम नेमप्लेट, एक पेड़ लाडो के नाम, लाडो पंचायत जैसे अभियान से मजबूत हाे रही हिसार की लड़कियां

पिछले तीन महीने से हिसार जिले के कुछ गांवों में जमीनी स्तर पर सशक्त करने के अभियान का असर दिख रहा है। सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन व जिंदल स्टेनलेस फाउंडेशन मिलकर नलवा बालावास कंवारी सातरोड़ लाडवा भोजराज और उमरा गांवों में सैकड़ों लड़कियों को पहचान मिली है

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:58 AM (IST)
बेटियों के नाम नेमप्लेट, एक पेड़ लाडो के नाम, लाडो पंचायत जैसे अभियान से मजबूत हाे रही हिसार की लड़कियां
बेटियों को पहचान मिलने से सशक्त हो रही हैं हिसार की बेटियां

जागरण संवाददाता, हिसार : जींद के गांव बीबीपुर के सरपंच सुनील जागलान के सामाजिक अभियानों का असर अब हिसार में भी दिखाई देने लगा है। पिछले तीन महीने से हिसार जिले के कुछ गांवों में जमीनी स्तर पर सशक्त करने के अभियान का असर दिख रहा है। सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन व जिंदल स्टेनलेस फाउंडेशन मिलकर नलवा, बालावास, कंवारी, सातरोड़, लाडवा, भोजराज और उमरा गांवों में सैकड़ों लड़कियों को पहचान मिली है जिसका कारण है कि अब इन गांवों में बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगी हैं और घर की पहचान अब लाडो के नाम से हैं। इसके साथ अभी एक पेड़ लाडो के नाम से अभियान से बेटियों ने अपने घरों में अपने नाम से पेड़ लगाए हैं एवं स्वयं उन पेड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी ली है।

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इसके साथ यहां गांव-गांव में लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष किए जाने के लिए लाडो पंचायत भी करवाई जा रही है, जिसमें लड़कियां खुलकर बता रही हैं कि क्यों शादी की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। लड़कियाें ने इस पर घरवालों को समझाने का बीड़ा भी उठाया है।

इस अभियान के संयोजक व सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के डायरेक्टर सुनील जागलान ने बताया कि वह पिछले करीब चार महीने से इन अभियान के माध्यम से जागरूकता कर रहे हैं इसके लिए लड़कियों को ट्रनिंग भी दी गई व अंतरराष्ट्रीय बेविनार में लड़कियों ने अपनी बात को सशक्त तरीके से रखा है। नलवा से पूनम ने कहा कि लड़कियों को पहली बार इस प्रकार का अनुभव मिला है। भोजराज से पूजा ने कहा कि इससे हमारी आगे की ज़िंदगी काफी आसान बनेगी, क्योंकि हमारे आत्मविश्वास व हमारे अधिकारों के प्रति हमारी जागरूकत बढ़ रही है। बालावास से प्रियाक्षी ने कहा कि अब जाकर हमें पहचान मिली है और और अब इसको हम क़ायम रखने के लिए और लड़कियों में जागरूकता बढ़ेगी।

ग्रामीण महिलाओं में दिख रहा उत्साह

सुनील जागलान ने बताया कि लड़कियों को सशक्त करने के लिए कई और अभियान यहां टीम लाडो को ट्रनिंग देकर शुरू किए जाएगा। जिससे कम से कम 50 गांवों में इन अभियानों का असर दिखाई दे। गौरतलब है कि सुनील जागलान के अभियान को देश के प्रधानमंत्री मन की बात के अलावा अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रशंसा कर चुके हैं। सुनील जागलान वर्ष 2015 में बेटियों के नाम नेमप्लेट का अभियान शुरू किया जिसके तहत अब तक करीबन 16 हजार घरों में नेमप्लेट लगवा चुके हैं।


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