बच्ची से दुष्कर्म का आरोपित चाचा और तीन अन्य युवक डेढ़ साल बाद बरी, असली आरोपी कौन?
नारनौंद क्षेत्र की घटना के बाद हुआ था बवाल। बच्ची के समाज ने किया था धरना-प्रदर्शन। चाचा को किया था गिरफ्तार। अदालत के फैसले के बाद आज भी असली आरोपित फरार
हिसार, जेएनएन। नारनौंद के इलाके में एक बच्ची को माता-पिता के पास से उठाकर दुष्कर्म करने के मामले में गिरफ्तार चाचा और तीन अन्य युवकों को अदालत ने बरी कर दिया। इस मामले में घटना के समय काफी बवाल हुआ था। बच्ची के समाज के लोगों ने धरने प्रदर्शन तक किए थे। एसआइटी ने जांच की थी। अब अदालत की तरफ से चारों को बरी करने के बाद असली आरोपित आखिर कौन था यह फिर सवाल खड़ा हो गया है।
अदालत में चले अभियान के अनुसार 18 अप्रैल 2018 को झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली आठ साल की नाबालिग अपनी माता-पिता के पास सोई हुई थी। देर रात को नाबालिग की रोने की आवाज उसकी मां को सुनाई थी। मां ने देखा तो वह उनसे दूर थी। नाबालिग से किसी तरह परिवार ने पूरी बात पूछी और पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत देने के बाद पुलिस ने बच्ची के चाचा को ही गिरफ्तार किया था।
अदालत में बाद में बच्ची की तरफ से चाचा की बजाए तीन अन्य युवकों को पहचाना था। उसको भी अदालत के आदेश पर केस में आरोपित बनाया गया। लेकिन अब अदालत ने चारों को बरी कर दिया है। अदालत में आई एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार डीएनए रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट मैच नहीं हुई थी। अब अदालत की तरफ से चारों को बरी करने के बाद फिर से सवाल खड़ा हो गया है आखिर आरोपित था कौन। पुलिस की तरफ से अब क्या दोबारा से जांच होगी।
पुलिस ने बनाई थी एसआइटी
बच्ची के परिवार और समाज के लोगों की तरफ से इस मामले में धरने प्रदर्शन करने के बाद इस मामले में हांसी पुलिस ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी बनने के बाद पुलिस ने पूरी मामले में चाचा को आरोपित मानते हुए गिरफ्तार किया था। उस दौरान बच्ची के समर्थन में समाज के काफी लोग खड़े हो गए थे।