विचलित या परेशान होने पर राह दिखाती है गीता
गीता हमें जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर देती है। हम चाहे जिस पद प्रतिष्ठा पर चले जाएं लेकिन कभी अहंकार या अभिमान नहीं करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, हिसार : गीता अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला जीवन सार है। जब भी व्यक्ति विचलित या परेशान होता है, गीता उसे राह दिखाती है। यह बातें गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा ने कही। वह सोमवार को विश्वविद्यालय के धार्मिक अध्ययन संस्थान की तरफ से अष्टादश श्लोकी गीता पाठ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता धार्मिक अध्ययन संस्थान के अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो. किशनाराम बिश्नोई ने की। शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. वंदना पूनिया विशिष्ट अतिथि के रूप उपस्थित रही।
डा. अवनीश वर्मा ने कहा कि गीता हमें जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर देती है। हम चाहे जिस पद प्रतिष्ठा पर चले जाएं, लेकिन कभी अहंकार या अभिमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता भारत का नहीं विश्व का गौरव है। डा. किशनाराम बिश्नोई ने कहा कि गीता का ज्ञान शाश्वत है। यह ज्ञान और विज्ञान का समन्वय है। दुनिया के अधिकतर विद्वानों ने गीता को अपने जीवन में धारण कर जीवन को सुखमय और शांतिमय बनाया है। गीता हमें बुद्धि का विवेकपूर्ण प्रयोग करना सिखाती है।
प्रो. वंदना पूनिया ने कहा कि गीता गुरु के प्रति समर्पण रहने का संदेश देती है। गुरु ही हमेशा सच्चा रास्ता दिखा सकता है। डा. तरुणा ने भी इस अवसर पर गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। धन्यवाद प्रस्ताव पीआरओ बिजेंद्र दहिया ने किया। कार्यक्रम का विवरण शोधार्थी शीला देवी ने दिया। तारा देवी ने युवा चेतना संकल्प गीत प्रस्तुत किया। अष्टादश श्लोकी गीता का प्रथम भाग में दीपक ने श्लोकोच्चारण किया तथा प्रशांत ने हिदी अनुवाद किया। दूसरे भाग में किरण ने श्लोकोच्चारण किया तथा अंजू ने हिदी अनुवाद किया। मंच संचालन मुनेश कुमारी ने किया। इस अवसर पर भाल सिंह तथा कोमल भी उपस्थित रहे।