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सिरसा में एक्टिवेटिड सिम मामले में गिरोह के तीन और सदस्य गिरफ्तार, 90 फर्जी सिम बरामद

सीआइए कालांवाली प्रभारी उपनिरीक्षक राजपाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपित को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई और गिरोह से जुड़े तीन आरोपिताें को और गिरफ्तार किया। पकड़े गए तीनों आरोपितों को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:34 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 06:34 PM (IST)
सिरसा में एक्टिवेटिड सिम मामले में गिरोह के तीन और सदस्य गिरफ्तार, 90 फर्जी सिम बरामद
आरोपित एक्टिवेटिड सिम बेचकर मोबाइल कंपनियों लगाते थे चपत।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा पुलिस की सीआइए कालांवाली टीम ने एक्टिवेटिड सिम मामले में गिरोह के तीन और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपिताें से सीआईए कालावाली पुलिस चार मोबाइल फोन ओर बायोमेट्रिक मशीन, लैपटॉप वा 90 एक्टिवेटिड सिम ओर बरामद किए है।

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इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए सीआईए कालांवाली प्रभारी सब इंस्पेक्टर राजपाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान आशिष वासी नज़दीक खालसा स्कूल रानिया गेट सिरसा, स्पर्श गोयल निवासी वार्ड न.11 वाटर वर्क्स रोड कालांवाली तथा ऋषिकान्त निवासी वार्ड नंबर दो आंबेडकर नगर, मानसा के रूप में हुई है।

पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से चार मोबाइल फोन, बायोमेट्रिक मशीन, लैपटाप बरामद

उन्होंने बताया कि  बीती 16 मई 2022 को सीआइए कालांवाली पुलिस टीम के उप निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सुरेंदर सिंह सिंह वासी गांव सुब्बाखेडा को गिरफ्तार किया। आरोपित जाली दस्तावेजों के आधार पर एक्टिवेटिड सिम बाहर से लाकर अवैध रूप से अलग अलग मोबाइलों मे डालकर अलग अलग कम्पनियों व आम जनता को आर्थिक नुकसान करके खुद अवैध तरीके से रुपये कमा रहा था।

सीआइए कालांवाली प्रभारी उपनिरीक्षक के अनुसार

सीआइए कालांवाली प्रभारी उपनिरीक्षक राजपाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपित को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई और गिरोह से जुड़े तीन आरोपिताें को और गिरफ्तार किया। पकड़े गए तीनों आरोपितों को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। उन्हाेंने बताया कि आरोपित एक्टिवेटिड सिम बेचकर मोबाइल कंपनियों व आनलाइन कंपनियों को चूना लगा रहे थे। आरोपित आनलाइन सिमों की बिक्री करते थे और कोरियर से सिम बेचते थे। ग्राहकों से भी कोरियर के माध्यम से आइडी मंगवाते और बाद में कोरियर से उन्हें सिम भेज देते थे। इस गिरोह से जुड़े और भी सदस्य हो सकते हैं जिनकी धरपकड़ के प्रयास चल रहे हैं।


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