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रोहतक में राजकीय सम्मान के साथ बीएसएफ जवान को दी अंतिम विदाई, गूंजे भारत माता की जय के नारे

मूलरूप से डोभ गांव के रहने वाले 56 वर्षीय कृष्ण कुमार बीएसएफ में एएसआइ के पद पर कार्यरत थे। उनका परिवार रोहतक की आंबेडकर कालोनी में रहता है। एएसआइ का अंतिम संस्कार पैतृक गांव डोभ में किया गया। इससे पूर्व गांव में यात्रा निकाली गई।

By Pankaj KumarEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 01:27 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 01:27 PM (IST)
रोहतक में राजकीय सम्मान के साथ बीएसएफ जवान को दी अंतिम विदाई, गूंजे भारत माता की जय के नारे
अंतिम यात्रा में पहुंचे परिजन व ग्रामीण।

रोहतक, जेएनएन। डोभ गांव के बीएसएफ (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स) के एएसआइ को मंगलवार सुबह पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बीएसएफ के जवानों गार्ड ऑफ ऑनर से एएसआइ को अंतिम सलामी दी। इससे पहले एएसआइ के सम्मान में गांव में यात्रा निकाली गई।

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मूलरूप से डोभ गांव के रहने वाले 56 वर्षीय कृष्ण कुमार बीएसएफ में एएसआइ के पद पर कार्यरत थे, जिनकी ड्यूटी फिलहाल में श्रीनगर में चल रही थी। उनका परिवार रोहतक की आंबेडकर कालोनी में रहता है। रविवार को स्वजनों को बीएसएफ मुख्यालय से फोन आया कि ड्यूटी के दौरान कृष्ण कुमार का निधन हो गया। निधन की वजह हार्टअटैक बताई गई। पता चलते ही स्वजनों में शोक की लहर दौड़ गई थी। स्वजन उनका पार्थिव शरीर लेने के लिए श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बीएसएफ के जवान और स्वजन उनका पार्थिव शरीर लेकर गांव में पहुंचे। एएसआइ के सम्मान में गांव में यात्रा निकाली गई, जिसमें काफी संख्या में लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। सभी की आंखें नम थी। उनके पार्थिव शरीर को सबसे पहले घर ले जाया गया। जहां पर कुछ देर रूकने के बाद श्मशानघाट में पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गई। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। कृष्ण कुमार के परिवार में उनकी पत्नी अनीता देवी, बेटा प्रदीप, पुत्रवधु मोनिका और पोता आयुष है। ग्रामीण भी उन्हें सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं।

पार्षद प्रतिनिधि ने की शहीद स्मारक बनाने की मांग

पार्षद प्रतिनिधि सूरजमल किलोई ने बताया कि राजकीय सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गई। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कृष्ण कुमार ने पूरा जीवन देशसेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनके सम्मान में गांव में शहीद स्मारक स्थल बनाया जाना चाहिए।


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