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रोहतक में 13 साल बाद पकड़ा फ्रॉड, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन ले खरीदा था ट्रैक्‍टर, पटवारी समेत कई पर केस

खैरेंटी गांव के रहने वाले बिजेंद्र ने वर्ष 2007 में ट्रैक्टर खरीदने के लिए बैंक से साढ़े तीन लाख रुपये लोन लिया था। मई 2007 में उसके खाते में लोन की रकम भेज दी गई थी। लेकिन बाद में आरोपित ने लोन की राशि का भुगतान नहीं किया

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 02:31 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 02:31 PM (IST)
रोहतक में 13 साल बाद पकड़ा फ्रॉड, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन ले खरीदा था ट्रैक्‍टर, पटवारी समेत कई पर केस
2007 में एक व्यक्ति ने फर्जी दस्‍तावेज के आधार पर निकलवाया था साढ़े तीन लाख का लोन

रोहतक, जेएनएन। रोहतक के खैरेंटी गांव के रहने वाले कई आरोपितों ने मिलकर सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक शाखा से फर्जी दस्तावेजों पर ट्रैक्टर के नाम पर लोन निकलवाया। इसमें तत्कालीन पटवारी भी शामिल रहा। मामले का पता चलते पर अब शाखा प्रबंधक की तरफ से लाखनमाजरा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।  

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भगवतीपुर गांव स्थित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक शाखा की प्रबंधक रश्मि राठी ने लाखनमाजरा थाने में शिकायत दी है।

इसमें बताया कि खैरेंटी गांव के रहने वाले बिजेंद्र ने वर्ष 2007 में ट्रैक्टर खरीदने के लिए बैंक से साढ़े तीन लाख रुपये लोन लिया था। मई 2007 में उसके खाते में लोन की रकम भेज दी गई थी। लेकिन बाद में आरोपित ने लोन की राशि का भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से उसका खाता एनपीए घोषित कर दिया गया और लोन राशि वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसके लिए महम कोर्ट में केस दायर किया गया। आरोपित बिजेंद्र ने कोर्ट में हाजिर होकर आश्वासन दिया कि वह लोन की राशि जमा करा देगा, लेकिन फिर भी लोन की राशि जमा नहीं कराई।

अक्टूबर 2015 में कोर्ट ने बैंक के हक में फैसला किया और लोन के एवज में जिस जमीन के दस्तावेज बैंक में जमा कराए थे उसका पूरा रिकार्ड निकलवाया गया। इसमें पता चला कि आरोपित उस जमीन को पहले से ही संतोष पत्नी ईश्वर, सुनीता पत्नी राज सिंह, सरिता पत्नी कृष्ण और कुलदीप पुत्र नफे सिंह के हक में कर चुका है। इस पूरे मामले में तत्कालीन पटवरी फूलकंवार की भी भूमिका संलिप्त है।

पटवारी समेत अन्य आरोपितों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए बैंक के साथ धोखाधड़ी की। यहां तक कि आरोपित बिजेंद्र ने लोन पर लिए गए ट्रैक्टर की फर्जी एनओसी तैयार कर उसे आगे बेच दिया। जबकि बैंक की तरफ से उसे कोई एनओसी जारी नहीं की गई थी। शिकायत के आधार पर लाखनमाजरा थाना पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


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