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होर्डिंग के लिए चौथी बार टेंडर जारी, 38 साइटों के लिए नियम बदले

जागरण संवाददाता, हिसार : सरकार ने सरकारी साइटों पर चल रहे अवैध होर्डिंग के खेल पर नकेल कसते हुए नए न

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 03:01 AM (IST)
होर्डिंग के लिए चौथी बार टेंडर जारी, 38 साइटों के लिए नियम बदले
होर्डिंग के लिए चौथी बार टेंडर जारी, 38 साइटों के लिए नियम बदले

जागरण संवाददाता, हिसार : सरकार ने सरकारी साइटों पर चल रहे अवैध होर्डिंग के खेल पर नकेल कसते हुए नए नियम कानून बना दिए हैं। जबकि शहर के मुख्य चौकों पर बनी दुकानों और बहुमंजिला इमारतों पर बिना निगम की अनुमति के अवैध होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। इन्हीं पर नकेल कसने के लिए चौथी बार नगर निगम ने होर्डिंग साइटों को ठेके पर देने के लिए टेंडर लगाया गया है। चौथी बार लगाए गए टेंडर में टेंडर राशि और नियमावली में बदलाव किया गया है। पांच करोड़ के होर्डिंग टेंडर में डेढ़ साल बाद नगर निगम प्रशासन ने दो करोड़ 75 लाख रुपये में देने का निर्णय लिया है। अब देखना यह है कि इस बार नगर निगम की साइटों को लेकर कोई एजेंसी आती है या निगम अधिकारियों को मायूसी का सामना करना पड़ेगा। ये हुआ है बदलाव

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-साढ़े तीन करोड़ रुपये की जगह दो करोड़ 75 लाख रुपये टेंडर राशि रखी गई है।

-बस क्यूसेल्टर बनाने और होर्डिंग लगाने के नियम को पॉलिसी से हटा दिया गया है।

-होर्डिंग साइटों पर पोल ठेकेदार को लगाने थे। तीन साल का टेंडर खत्म होने पर ठेकेदार का उस पर कोई हक नहीं रहेगा। निगम उसका मालिक बन जाएगा। इस नियम में बदलाव करते हुए ठेकेदार को ही तीन साल बाद पोल हटाने और साथ ले जाने की अनुमति दी गई है। ये हैं टेंडर न होने की हकीकत

नगर निगम क्षेत्र में रेलवे की सीमा और बस स्टैंड परिसर में बड़े स्तर पर होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। रेलवे के अवैध होर्डिंगों को लेकर नगर निगम प्रशासन हाई कोर्ट में गया है। परंतु अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। अहम बात यह है कि नगर निगम शहर के भवनों और बहुमंजिला इमारतों पर लगने वाले होर्डिंगों पर नकेल नहीं कस पाया है। एक अधिकारियों के भरोसे पूरे शहर के होर्डिंग दिए गए थे, सिवाय नोटिसों के वह कुछ नहीं कर पाए। वहीं राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक कार्यक्रमों के होर्डिंग चौक, चौराहों और स्ट्रीट लाइटों पर नजर आते हैं। इन होर्डिंगों को हटाने की बात आने पर अधिकारी चुप्पी साध लेते है। यही वजह है कि आज तक नगर निगम की साइटों को लेकर टेंडर नहीं हो पाया हैं। सवा दो करोड़ रुपये का नुकसान करवाने में नगर निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली ही मुख्य रूप से जिम्मेदार रही हैं। निगम की 38 साइटों को लेकर ऐसे चली टेंडर प्रक्रिया

- जून 2017 में पांच करोड़ रुपये में टेंडर लगाया गया।

- नवंबर 2017 में साढ़े तीन करोड़ रुपये का टेंडर लगाया गया।

- अप्रैल 2018 में दो करोड़ 75 लाख रुपये का टेंडर लगाया गया है। सभी 38 साइटों को लेकर टेंडर नियमों में बदलाव कर लगाया गया है। तीन साल के लिए दिए जाने वाले होर्डिंग के टेंडर की राशि साढ़े तीन करोड़ से 2 करोड़ 75 लाख रुपये कर दी गई है।

- संदीप कुमार, एमई, नगर निगम


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